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पटरी पर दौड़ते रेल के डिब्बे में वह अपनी जिंदगी के हसीन ख्वाबों में व्यस्त था। ट्रेन बिहार से चली थी और दिल्ली आ रही थी। पंडित जी ने शादी का मुहूर्त पहले ही बता दिया था। लेकिन फिर ट्रेन की रफ्तार थमने लगी और इसी के साथ होने वाली जीवन संगनी के संग सुनहरे ख्वाबों से भरे फाहों के समंदर में गोता लगा रहे उस शख्स की सांसें बोझिल होने लगीं, दम घुटने लगा।
गाड़ी जैसे ही ब्रेक लगाती, लगता मानों जिंदगी ब्रेक लगा रही हो। गाड़ी लेट हो रही थी और गाड़ी में बैठे उस शख्स के अलावा उसके जीवन के सबसे अहम मौके के गवाह बनने जा रहे 86 लोगों (बारातियों) की उम्मीदें भी निराशा के भंवर में फंसती जा रही थीं। लेकिन वह शख्स जिसका इंतजार दिल्ली में बैठी उसके दिल की राजकुमारी कर रही थी, उसने प्रभु से गुहार की, 'हे प्रभु, मेरी शादी बचा लो, ट्रेन थोड़ा तेज चला दो'। आखिकार प्रभु ने उसकी सुन ली और गाड़ी पटरी पर तेज दौड़ने लगी।
बेहद दिलचस्प वाकया मगध एक्सप्रेस से बिहार से दिल्ली की दूरी तय कर रहे आरा के रहने वाले सुशील कुमार (पेशे से इंजनियर) का है। पिछले सोमवार यानी 15 मई को उनकी शादी थी। शादी हो भी गई, लेकिन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अगर सुशील के ट्वीट का संज्ञान न लिया होता तो शादी के लिए तय मुहूर्त निकल जाता।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 12401 नंबर की मगध एक्सप्रेस को नई दिल्ली 11 बजकर 50 मिनट पर पहुंचना था, लेकिन ट्रेन की पिछले दिनों की लेटलतीफी को देखते हुए सुशील रेल मंत्री से उसे टाइम पर पहुंचाने की बात की। आखिरकार ट्रेन 6 की बजाय 4.55 घंटे की देरी से पहुंची, जिससे सुशील तय मुहुर्त पर शादी कर सके।