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कहते हैं कि जो दिखता है वो बिकता है। अब तो दौर भी ऐसा है कि विरोध करने के लिए भी दिखना जरूरी है। और दिखने के लिए जरूरी है कि आप लगातार कुछ ऐसा करते रहें कि लोग आपको याद करें।
विरोध प्रदर्शन, धरना आदि सब ऐसी ही खोज हैं जो कि आपकी अभिव्यक्ति का माध्यम तो हैं ही साथ ही इस बात का भी तकाजा है कि आप खड़े हैं।
लेकिन क्या है कि खड़े तो सब होते हैं फिर आपमें ऐसा क्या हो कि आप जब खड़े हों तो लोगों का ध्यान पड़े और आपको तवज्जो मिले। इसके लिए जरूरी है कि आप नये-नये तरीकों से विरोध करें या यूं कहें कि विरोध का तरीका क्रिएटिव हो तभी तो आप पर ध्यान अटकेगा।
ध्यान अटकाने की इस कोशिश में आजकल एक सांसद महोदय लगे हुए हैं। इनका नाम है शिवप्रसाद और ये तेलुगु देशम पार्टी के सांसद हैं। शिवप्रसाद इन दिनों अपने अनोखे विरोध प्रदर्शन के तरीके के लिए चर्चा में हैं। ये महोदय प्रदर्शन के लिए हर रोज कुछ नया करते हैं।
सबसे पहले तो ये जानते हैं कि प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं। तो जनाब की मांग है कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए। अपनी इसी मांग के समर्थन में ये साहब हर रोज नया-नया रूप धरते हैं और प्रदर्शन करने पहुंच जाते हैं। कभी नारद बनते हैं तो कभी कृष्ण, कभी महिला तो कभी परशुराम का रूप धर लेते हैं। एक दिन तो साहब जी राजा हरीश चंद्र बनकर पहुंचे थे।
इससे पहले शिवप्रसाद स्कूल छात्र बन कर संसद पहुंचे थे। उन्होंने शॉर्ट्स पहने रखे थे और हाथ में पेंसिल और नोटबुक लिए स्कूली बच्चों की तरह संसद में दाखिल हुए थे। उनके इस वेश के बारे में जब पूछा गया तो शिव प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी क्लास के अच्छे बच्चे नहीं रहे हैं।