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कैमरा इंसान की जिंदगी का एक मुख्य अंग बन गया है। घर के बाहर, अॉफिस में, गलियों में, सड़कों पर हर जगह कैमरे को एक विशेष जगह दी गई है। इन जगहों पर कैमरे लगाने का मतलब समझ आता है, लेकिन 'टॉयलेट में कैमरा' सुन कर थोड़ा अजीब लग रहा है। दरअसल चीन की सरकार ने वहां के चोरों से परेशान होकर ये फैसला लिया है, जो थोड़ा हास्यपद है।
टिशू पेपर या टॉयलेट पेपर का नाम सुनते ही सभी के दिमाग़ में एक ही ख़्याल आता है, कि टिशू पेपर की कीमत ही क्या होती है? यूज़ करो और फेंको। लेकिन अगर कभी ऐसा हो कि आप किसी पब्लिक प्लेस पर टॉयलेट यूज़ कर रहे हैं और वहां आपको टॉयलेट पेपर देने से मना कर दिया जाए, तो सोचिए उस कंडिशन में आप क्या करेंगे?
चीन की सरकार टॉयलेट पेपर की चोरी से इतनी तंग आ गई कि उसने एक ऐतिहासिक कदम उठा लिया। चीन में पर्यटन स्थलों में टॉयलेट पेपर की चोरी इतनी बढ़ गई कि सरकार इसे रोकने के लिए कैमरे लगवा रही है। वहीं सोशल मीडिया पर चीन सरकार के इस फैसले की काफ़ी निंदा भी हो रही है।
दरअसल होता ये है कि लोग पब्लिक टॉयलेट यूज करते हैं और टॉयलेट पेपर की पूरी रिम ही उठा ले जाते हैं। चीन की राजधानी बीजिंग के सबसे व्यस्त पर्यटन स्थलों में से एक टेंपल ऑफ़ हेवन और क्लेटोमानिया के शौचालयों में टॉयलेट में जाने से पहले लोगों को एक हाई-डेफ़िनिशन कैमरे के सामने खड़ा होना पड़ता है। कैमरे से जुड़ा सॉफ्टवेयर उनका चेहरा पहचान लेता है। अगर वो इंसान बार-बार आए, तो टॉयलेट पेपर वाली मशीन लॉक हो जाती हैं और पेपर नहीं निकलता।
चीन, तकनीकी के मामले में बहुत आगे है, आज वही तकनीकी (कैमरा) उनके सामने एक चुनौती बन के खड़ी है।