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बचपन में स्कूल की किताबों में वो कहानी तो पढ़ी ही होगी ना जिसमें रेल ट्रैक के किनारे अपनी भेडों को चरवाने वाला एक लड़का टूटी पटरी देखकर अपनी शर्ट से ट्रेन रुकवा देता है और एक बड़े हादसे को टाल देता है। वो किताबों की कहानी थी लेकिन रेलवे के दो ट्रैकमैन ने इसी तरकीब से एक बड़े हादसे को टाल दिया।
ट्रेन की टूटी देखकर ट्रैकमैन ने अपने गले में पड़े लाल गमछे को निकाला और अपनी तरफ आती एक्सप्रेस ट्रेन को रुकवा दिया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। अब शुरू करते हैं ये पूरी कहानी, मामला है देश के दिल यानि दिल्ली का, जहां यमुना ब्रिज से तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन के बीच एक जगह ट्रेन की पटरी टूटी हुई थी।
मंगलवार को पेट्रोलिंग करते हुए रेलवे के दो ट्रैकमैन प्रियस्वामी और राम निवास वहां से गुजरे तो उनकी नजर यमुना ब्रिज से तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन के बीच एक जगह टूटी पटरी पर पड़ी। जिससे दोनों पटरियों में छह इंच तक का गैप आ गया था। कुछ देर बाद ही शिव गंगा एक्सप्रेस वहां से गुजरने वाली थी। ट्रेन ने अपना सायरन भी दे दिया था। यह नजारा देख दोनों ट्रैकमैन ने तेजी से निर्णय लिया और ट्रेन रुकवाने का फैसला किया।
इसके बाद प्रियस्वामी ने अपने गले में पड़े लाल रंग के गमछे को निकाला और उसे लहराते हुए तेजी से ट्रेन की ओर दौड़ने लगे, ताकि खतरे का निशान देखकर ड्राइवर ट्रेन रोक ले। इसी बीच ट्रेन ड्राइवर की निगाह प्रियस्वामी के गमछे पर पड़ गई और खतरा भांपकर उन्होंने ट्रेन के इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए।
जिससे खतरे वाली जगह से कुछ दूर पहले ही ट्रेन रुक गई। ऐसा पहली बार नहीं हुआ था जब प्रियस्वामी ने किसी ट्रेन को इस तरह बड़े हादसे का शिकार होने से बचाया था। इससे पहले भी तीन साल पहले वह इसी तरह पटरियों में गैप देखकर एक ट्रेन को रुकवा चुके थे।
प्रियस्वामी ने बताया कि सुबह 7.55 बजे के करीब हमने रेलवे ट्रैक पर वह गैप देखा। पटरियों के बीच सिल्वर कलर का गैप बन गया था जो देखने में बिल्कुल ताजा लग रहा था। हमें पता था कि कुछ देर बाद ही यहां से ट्रेन गुजरने वाली है, लेकिन हमारे पास अधिकारियों को सूचना देने के लिए कोई फोन या वायरलेस सेट नहीं था, ऐसे में हमें ट्रेन रुकवाने के लिए यही तरीका सही लगा। हमारा यह तरीका काम कर गया और ड्राइवर ने घटनास्थल से कुछ देर पहले ट्रेन रोक दी।