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उड़ी में आर्मी बेस केम्प पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से पाकिस्तान की प्रॉब्लम कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। इंडिया हर एक अन्तर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने में लगा हुआ। और हर तरह की कोशिश की जा रही है। जिससे पाकिस्तान से युद्ध की भी जरूरत ना पड़े और उसे औकात बता दी जाए।
अब नवंबर में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामबाद में 19वां सार्क(SAARC) समिट होना है। सार्क(SAARC) मतलब साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन। उड़ी हमले के विरोध में इंडिया ने सार्क समिट में जाने से मना कर दिया था।
लेकिन ये मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। इंडिया के मना करने के बाद लगे हाथ बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी इस्लामबाद में होने होने वाले सार्क समिट में जाने से मना कर दिया।
क्या वजह दी है इन देशों ने...?
इस साल होने वाले सार्क समिट की अध्यक्षता नेपाल कर रहा था। बांग्लादेश की सरकार ने नेपाल को ये खबर भेज दी कि इस साल हम सम्मलेन में आ नहीं पाएंगे।
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जिसकी वजह है एक देश जो हमारे देश के आंतरिक मामलों में कुछ ज्यादा ही दखल दे रहा है। जिस वजह से माहौल इतना खराब हो गया है कि सार्क समिट ठीक से नहीं हो सकता।
अब बांग्लादेश किस देश की बात कर रहा था ये बात आप बखूबी समझ सकते हैं।
ऐसे ही भूटान की सरकार ने भी मना कर दिया। भूटान की भी शिकायत कुछ ऐसी ही थी।
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उनका कहना है कि हम इलाके में अपने पड़ोसियों के साथ ढंग से रहना चाहते हैं। और हमें अपने पड़ोसी देशों में होने वाली आतंकवादी घटनाओं की भी चिंता है। आतंकवाद की घटनाएं जिस तरह से हो रही हैं वो कुछ ठीक नहीं लग रहा तो हम सम्मलेन में नहीं आ पाएंगे।
अब जो रही सही कसर थी वो अफगानिस्तान ने पूरी कर दी।
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अफगानिस्तान ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि, अफगानिस्तान के ऊपर जो आतंकवाद लाद दिया गया है। उस वजह से हमारे यहां बहुत सी हिंसक घटनाएं हो रही हैं। और तरह-तरह के झगड़े हो रहे हैं। इस वजह से राष्ट्रपति असरफ घनी, जो कि कमांडर-इन-चीफ भी हैं, वो ब्यस्त रहेंगे तो हम भी इस साल के सार्क समिट अटेंड नहीं कर पाएंगे।
इससे पहले इंडिया ने भी पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मलेन में जाने से सीधे-सीधे मना कर दिया था। इनका कहना था कि सीमा पार से जो आतंकी हमले हो रहे हैं। इस माहौल में हम सार्क सम्मलेन में हिस्सा नहीं ले सकते।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हैं, विकास स्वरुप। उन्होनें ट्वीट करके भी इस बात की जानकारी दी। उनके ट्वीट में लिखा था, "आपसी सहयोग और आतंकवाद दोनों एक साथ नहीं चल सकते। इंडिया सार्क सम्मलेन में नहीं जाएगा।"
https://twitter.com/MEAIndia/status/780795178592247808
उड़ी में हमले के बाद से ही इंडिया गुस्से में चल रहा था। जगह-जगह से पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करवाने की तैयारी चल ही रही है। और हर पैंतरा इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे कैसे भी पाकिस्तान को दुनियाभर से अलग-थलग कर दिया जाए।
कल ही प्रधानमंत्री जी ने सिंधु नदी के पानी को लेकर जो दोनों देशों में समझौता हुआ था। उसको फिर से रिव्यु करने के लिए मीटिंग भी किया था।
जिसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज़ ने कहा था कि "अगर इंडिया पाकिस्तान को मिलने वाले सिंधु नदी के पानी को रोकता है तो ये युद्ध के हालातों में माना जाएगा।"
"इसके लिए हम इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में भी अपील कर रहे हैं।"
अच्छा एक और जरूरी बात सार्क में होता ये है कि अगर कोई एक देश भी सम्मलेन में आने से मना कर दे तो सार्क समिट नहीं हो सकता। यहां तो 4-4 देशों ने मना कर दिया है। जय हो!
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