यहां इंसानों को नहीं भैंसों को किया जा रहा किडनैप, पुलिस भी है मजबूर
कन्वर्जेंस डेस्क, अमर उजाला
Published by:
Ayush Jha
Updated Thu, 21 Nov 2019 01:38 PM IST
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- फोटो : सोशल मीडिया
चंबल की घाटी का नाम सुनते ही दिमाग में घोड़े पर सवार डाकू घूमने लगते हैं। वही डाकू जो कहीं भी जाकर लूटपाट मचाने लगते हैं जो लोगों को किडनैप कर फिरौती मांगने लगते हैं लेकिन चंबल में आजकल इंसानो को नहीं बल्कि भैंसों को अगवा किया जा रहा है।
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इंसानों के अपहरण और फिरौती के लिए कुख्यात चंबल आजकल दूसरे तरह के अपराध को लेकर चर्चा में है। यहां लोगों के साथ भैंसों के अपहरण और फिरौती वसूलने की लगातार बढ़ती वारदातों ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। मध्यप्रदेश के भिंड-मुरैना में इसे स्थानीय भाषा में पनिहाई कहा जाता है।
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पनिहाई भैंस की कीमत का 30 फीसदी तक होता है। मवेशी चोर मध्यस्थों के जरिए एकमुश्त रकम लेकर चोरी की गई भैंस को उसके मालिक तक पहुंचा देते हैं। मवेशी चोरों का आतंक इतना है कि पुलिस भी उनके सामने बेबस नजर आ रही है।
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सबकुछ पता होने के बावजूद सामाजिक प्रतिरोध के कारण पुलिस प्रभावी कार्रवाई तक नहीं कर पाती है। जिस कारण चंबल के इलाके में यह धंधा जोरों पर है। जब भी पुलिस दबिश देने के लिए गांव में घुसने का प्रयास करती है, स्थानीय लोग प्रतिरोध में खड़े हो जाते हैं।
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चंबल के इलाके में भैंस चोरी हो जाने के बाद से ही मध्यस्थों के जरिए घर वापसी की कोशिशें शुरू हो जाती है। चूंकि आजकल भैंसों के दाम भी औसतन 50 हजार से लेकर लाख रुपये तक होते हैं। चोरों को पनिहाई के रूप में मोटी राशि मिल जाती है। जिसकी भैंस चोरी जाती है वह सामाजिक अपमान के डर से पुलिस में केस दर्ज नहीं कराते। इसलिए, अपराध में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।