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History Of Wagah Border Beating Retreat Ceremony
बिना हथियारों के भी सरहद पर रोज होती है एक जंग
Updated Fri, 08 Jan 2016 01:36 PM IST
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भारत-पाकिस्तान का रिश्ता बेहद ही पुराना है। विभाजन से पहले एक देश था, मगर अंग्रेजों की खींची दरार ने एक नई सरहद को जन्म दिया – रैडक्लिफ लाइन
भारत-पाकिस्तान की इस सरहद से कुछ ही दूरी पर बना है वाघा बॉर्डर, जो दोनो ही देशों के लिए गर्व, सम्मान और हिम्मत का प्रतीक है। इस बॉर्डर पर रोज शाम को एक समारोह होता है, जो अपने आप में एक गर्मजोशी का युद्ध है। आपसी संबंध को मजबूत बनाने के लिए शुरू हुआ यह समारोह, आज सरहद के पार, दोनो देशों के लोगों के लिए गर्व बन गया है।
हाल ही में पाकिस्तान की साइड पर कुछ ऐसा हुआ, जिसने भारतीयों का सिर और ऊंचा कर दिया। पाकिस्तान की तरफ से पहली बार किसी ‘बिटिंग रीट्रीट’ में एक सिख व्यक्ति नजर आया। आइए जानते हैं वाघा और वाघा बॉर्डर का इतिहास:
वंदे मातरम्.... जय हिन्द!!
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