हमारे और आपके घरों में चूहों, कॉकरोजों और छिपकलियों से निपटने के लिए हम लोग ज्यादातर चप्पलों का इस्तेमाल करते है। इन तीनों में सबसे ज्यादा चूहें घर को ज्यादा नुकसान पहुंचाते है। गणेश जी के इस वाहन से हर कोई परेशान रहता है। इन दिनों ताजा मामला भी चूहों को लेकर ही है। भारतीय रेलवे ने इन दिनों चूहों के कारण खूब सुर्खियां बटोर रही है।
यदि आप रेल से सफर करते है तो आपने अक्सर स्टेशनों के ट्रैक पर चूहों को धमाचौकड़ी मचाते हुए देखा होगा। रेलवे स्टेशनों पर चूहों के आतंक से परेशान, भारतीय रेलवे के चेन्नई मंडल ने एक चूहे को पकड़ने के लिए लगभग 22,334 रुपये खर्च किए।
इस बात का खुलासा एक आरटीआई रिपोर्ट के जरिए हुआ है। वहीं, पिछले तीन वर्षों में स्थानीय रेलवे अधिकारियों ने इस खतरे से निपटने के लिए 5.89 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है। 17 जुलाई के आरटीआई के जवाब में, चेन्नई मंडल कार्यालय ने कहा कि वे लोग चूहों के आतंक से पिछले कुछ सालों से काफी परेशान हैं।
ये चूहे स्टेशन पर परेशानी का सबब बन चुके हैं, साथ ही रेलवे कोचिंग सेंटर को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। लेकिन अधिकारी इनसे छुटकारा पाने के लिए काम कर रहे हैं। मई 2016 से अप्रैल 2019 तक शुरू होने वाले तीन वर्षों की अवधि में, उन्होंने इस प्रक्रिया में 5.89 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
2018 से 2019 के बीच की एक साल की अवधि पर कार्यालय ने बताया कि इस दौरान कम से कम 2,636 चूहें को पकड़ा गया था। इनमें से चेन्नई सेंट्रल, चेन्नई एग्मोर, चेंगलपट्टू जंक्शन, तांबरम, जोलरपेट्टई जंक्शन से 1,715 चूहे पकड़े गए थे और 921 चूहों को रेलवे कोचिंग सेंटर से पकड़ा गया था।
इस प्रकार से एक चूहे को पकड़ने पर अनुमानित व्यय 22,334 रुपये आया। रेलवे अधिकारियों द्वारा चूहों को पकड़ने पर खर्च की जा रही राशि और उठाए जा रहे उपायों पर सवाल उठाने वाले एक आरटीआई को देश भर से जवाब मिला कि इस प्रक्रिया में करोड़ों का नुकसान हो रहा है।