Home Inspire Aparna Kumar Scales Tallest Peak In Antarctica

इनकी जिद और जुनून के आगे पर्वत भी झुक गए, अंटार्कटिका के सबसे ऊंचे शिखर को पार किया

Updated Thu, 28 Jan 2016 04:24 PM IST
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विस्तार

कुछ कर गुजरने का इरादा तो हर किसी का हो सकता है, लेकिन उसे पूरा करने की हिम्मत और जुनून हर किसी में नहीं होता। मजबूत इरादे और पर्वतारोहण के जुनून के दम पर दुनिया के तमाम सर्वोच्च शिखर को झुकाने वाली आईपीएस अपर्णा कुमार ने एक मिशन चुना था, जिसे उन्होंने 17 जनवरी को पूरा कर लिया। ये एक बेहद ही मुश्किल मिशन था। इस बार उन्हें खून जमा देने वाले अंटार्कटिका के सबसे ऊंचे शिखर को पार करना था, जिसका नाम है विन्सन मैसिफ और ऊंचाई 16 हजार फीट। अपर्णा देश की पहली महिला आईपीएस ऑफिसर है, जिन्होंने ये मुकाम हासिल किया है।

आसान नहीं था ये सफरb-ips-aparna-kumar-sca-260116154608

महीनों की सख्त ट्रेनिंग के बाद अपर्णा यूरोपियन पर्वातारोहियों के साथ चार जनवरी को अपने इस मिशन पर रवाना हुई थी । कड़ाके की ठंड के बीच यह पूरा सफर 13 दिन का रहा। इसके बाद उनके सामने दुनिया की सिर्फ दो सबसे ऊंची चोटियां ही बची है। वैसे, अपर्णा का इरादा अगले दो साल में ही पृथ्वी के सभी सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर उप्र पुलिस का झंडा और तिरंगा फहराने का है। Aparna-Kumar-UP-cadre-IPS-officerजिद और जुनून से पर्वतारोहण के क्षेत्र में लोहा मनवाने वाली अपर्णा कुमार मूल से कर्नाटक की हैं। 2002 बैच की आईपीएस अफसर हैं। तभी से उप्र में तैनात हैं। फिलहाल बाराबंकी पीएससी में तैनाती है। पति संजय कुमार भी आईएएस हैं और इन दिनों इलाहाबाद के डीएम हैं। कंधों पर उत्‍तर प्रदेश के कानून व्‍यवस्‍था की जिम्‍मेदारी और मजबूत इरादे वाली अपर्णा दो बच्‍चों की मां हैं। वह भी अपर्णा के पर्वतारोहण का शौक पूरा करने के लिए बराबर प्रोत्साहित करते रहते हैं। वैसे, अपर्णा की पहचान सिर्फ आईपीएस के तौर पर नहीं होती। वह दुनियाभर की चुनिंदा पर्वतारोहियों में से एक हैं। यही वजह है कि प्रदेश सरकार उनको सम्मानित भी कर चुकी है।

कामयाबी पर एक नजरDSC_2586-Copy-1024x678

आईपीएस अपर्णा कुमार चार महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी फतह कर चुकी हैं। इससे पहले वह यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस पर सफलतापूर्वक चढ़ाई पूरी कर चुकी हैं। अफ्रीका के किलिमंजारो पर्वत चोटी पर 2014 में झंडा फहराया था। आस्ट्रेलिया की ओसियानिया चोटी, माउंट अकांकगुआ पर्वत शिखर भी फतह किया। माउंट एवरेस्ट के शिखर के वे बेहद करीब पहुंची मगर नेपाल में आए भूकंप ने रास्ता रोक लिया। एक इंटरव्यू में अपर्णा ने बताया था कि वह कमांडेंट नाइन बटालियन में थी। बटालियन को पहले स्‍पेशल पुलिस फोर्स माना जाता था, जो भारत-तिब्‍बत सीमा पर सुरक्षा संभालती थी। उनका पर्वतारोहण इतिहास काफी गौरवशाली है। वहां काफी इक्‍वेपमेंट्स, टेंट्स वगैरह वहां थे। वहीं से मुझे पर्वतारोहण की रुचि जागी और वहीं से गंभीरता के साथ पर्वतारोहण करने के बारे में विचार आया। इसके बाद वहीं से बेसिक और एडवांस माउंटेरियिंग कोर्स किया और कुछ चोटियों पर चढ़ाई की। इसके बाद सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह करने का विचार आया। अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो चोटी इस दिशा में पहला कदम थी। उस अभियान में हमारे साथ कनाडा, बुल्‍गारिया सहित विदेशों के करीब सात लोग गए थे। हमारे गाइड अमेरिका के जॉन हॉफ थे।

फतह किया इन पर्वतों को50747411

किलिमंजारो चोटी समुद्र तल से 19341 फीट ऊंची को उन्‍होंने 30 अगस्‍त 2014 को सुबह करीब 6 बजे फतह किया था। इसके बाद उन्‍होंने इंडोनेशिया की सबसे ऊंची चोटी कार्सेन्‍ट को फतह करने का लक्ष्‍य रखा। उन्‍होंने सात नवंबर 2014 को 4,848 मीटर की ऊंची इस चोटी को भी फतह किया। यह अभियान उन्‍होंने 30 अक्‍टूबर को शुरू किया था। इस दल में अमेरिका, कनाडा के सदस्‍य थे। इसके अलावा वह 15 जनवरी 2015 को दक्षिणी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट एकॉन्‍कागुआ को भी फतह कर चुकी हैं। यह 23 हजार फीट ऊंची चोटी है, जिसकी चढ़ाई भी काफी दुर्गम है। इसके लिए मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्‍हें रानी लक्ष्‍मीबाई पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया है। एवरेस्‍ट की चोटी पर यूपी पुलिस का झंडा फहराने का सपना है। एवरेस्ट फतह के लिए निकली अपर्णा कुमार वहां 25 अप्रैल 2015 को आए भूकंप के बाद हुए हिमस्‍खलन में बाल-बाल बच गई थीं।
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