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जब भी आप किसी दूसरे शहर में जाते हैं, फिर चाहे किसी भी वजह से, लोग अपने होटल को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं। पता नहीं कैसा होगा? स्टाफ़ अच्छा होगा कि नहीं? सुविधाएं कैसी होंगी? फिर होटल के अन्दर जाते ही अपना कमरा एक नज़र भर देख लेने के बाद व्यक्ति निश्चिंत हो जाता है।
लेकिन होटल की चमक-धमक के पीछे की सच्चाई जानना हम सबके लिए बहुत ज़रूरी है। आज हम आपको होटलों से जुड़ी 9 ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो शायद आपको पचेंगी नहीं और इसके बाद आप अपनी ट्रिप्स पर ख़ुद की बेडशीट्स ले जाना शुरू कर देंगे।
आपको शायद पता न हो लेकिन आपकी गैर मौजूदगी में कोई भी स्टाफ़ मेंबर आपके कमरे के अन्दर किसी काम से आ-जा सकता है। हालांकि आमतौर पर ऐसा होता नहीं है और कई जगह पर ये साफ़ भी कर दिया जाता है कि कमरे की सफ़ाई तभी होगी जब आप कमरे में होंगे। इसके बावजूद स्टाफ़ अगर चाहे तो वो आपके कमरे में जा सकता है।
अब सोचिये अगर किसी की नियत खराब हो तो?
आपको बता दें कि आपके कमरे की बेडशीट रोज़ नहीं बदली जाती। बस वो उसे दोबारा इस तरह से बिछा देते हैं जिससे आपको लगे कि नया चादर बिछाया गया है। कई बार ऐसा भी हो सकता है कि कमरे में आपसे पहले जो रहकर गया है वो भी उसी चादर पर सोया हो।
सोचिये उसे खुजली की दिक्कत भी हो सकती है!
चाहे आप कितनी भी अच्छी साईट से कितना भी अच्छा रूम बुक कर दें, सबसे अच्छा रूम वही लोग पाते हैं जिन्होंने ट्रैवल एजेंट की मदद से होटल बुक किया होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसी बुकिंग में एजेंट बीच में अपना कमीशन खाते हैं तो वो बदले में अच्छा रूम दिलवाते हैं।
सबसे बेकार रूम ऑनलाइन बुकिंग वालों को ही मिलता है!
इस बात की काफ़ी आशंका होती है कि जिस कमरे में आप रुके हैं उसमें पहले किसी की मौत हुई हो। ये मौते किसी भी कारणवश हुई हो सकती हैं। ऐसा ज़रूरी नहीं है कि हर कमरे के साथ ऐसा हो। या आपके साथ ऐसा ज़रूर हो। ये बस चांस की बात है।
आपने हौंटेड होटलों या कमरों के बारे में ज़रूर सुना होगा जब टूरिस्ट को अपने कमरे में किसी का साया नज़र आता है!
आपको अगर होटल में कमरा बुक करना हो तो ऑनलाइन बुकिंग की जगह सीधे होटल में फ़ोन करें। आपको कमरा सस्ता पड़ेगा।
ये सुनकर आपको झटका लग सकता है कि आपके कमरे में रखे हुए गिलास कभी नहीं धोए जाते। और अगर धोए भी जाते हैं तो कमरे के बाथरूम के सिंक में ही। बात बेहद गंदगी भरी है लेकिन सच है!
इन गिलासों में जो फ्रेश ख़ुशबू आती है वो रूम फ्रेशनर की होती है।
आपको जो बेहद सजाकर तौलिया दिया जाता है न, वो भी रोज़ नहीं धोया जाता। उसे बस प्रेस करके उसपर फ्रेशनर छिड़क दिया जाता है। हो सकता है कि जो टॉवल आपको दी गई है वो किसी ने इस्तेमाल कर रखी हो।
ऑनलाइन बुकिंग के समय जो रिव्यु आप देखते हैं उनमें से ज़्यादातर होटल के स्टाफ़ ही अपलोड करते हैं। तो होटल बुक करना असल में एक जुआ है। जबतक आप खुद एक्सपीरियंस न लें, किसी भी रिव्यु पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
आपके कमरे के बेड पर जो सजावटी कवर्लेट होता है न, एक मोटा सा चादर समझ लीजिए उसे, वो जब से पहली बार बिछा होता है तभी से नहीं बदला जाता। वैसे वो ओढ़ने के लिए नहीं होता लेकिन वो कीटाणुओं का घर होता है।