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स्कूल-कॉलेज में दोस्तों के बीच होने वाली टकाटक बातचीत को इंटरनेट तक लेकर आने का श्रेय AIB को ही जाता है। जिन बातों पर घर के बच्चे मुंह छिपाकर हंसा करते थे, उनमें ग्लैमर का छौंका लगाकर कुछ लोगों ने एक शानदार शो तैयार कर लिया। चूंकि इंटरनेट में न उम्र की सीमा है और न ही जन्मों को बंधंन... मतलब नियम कानून होते नहीं उधर, तो बिल्कुल खुल्लम खुल्ला.. खूब पॉपुलैरिटी भी मिली और खूब पैसा भी कमा लिया।
अपने समय में AIB ने हर किसी का मजाक उड़ाया। ग्रामीण कल्चर का, शहरी आदतों का, नौकरी पेशा लोगों का और बिजनेस करने वालों का भी। इनके हिसाब से किसी के अंदर सच का सामना करने की ताकत नहीं है, शायद इसीलिए इन लोगों ने नाम भी ऐसा रखा.. ऑल इंडिया.... और आज जब खुद जब उस आग में झुलसने लगे तो दूसरों से पानी फेंकने की उम्मीद जता रहे हैं। तथाकथित ओपन माइंडड कंपनी के लोगों ने तनमय पर लगे आरोपों के बाद उन्हें पद से हटा दिया है और खंबा को छुट्टी पर भेजा जा चुका है।
दरअसल अपने हिंदुस्तान में सारे काम सहूलियत के हिसाब से किए जाते हैं। सहूलियत के हिसाब से आंदोलन किया जाता है, सहूलियत के हिसाब से सच बोला जाता है और सहूलियत के हिसाब से ही अपना मुंह छिपाया या ढिठाई दिखाई जाती हैं।
वैसे तनमय, विकास बहल या फिर संस्कारी बाबू जी... पहले ऐसे शख्स नहीं है, इससे पहले भी कई लोगों के दामन पर दाग लग चुके हैं लेकिन इस इंडस्ट्री दाग हर किसी को अच्छे लगते हैं। क्योंकि आल इंडिया....