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दिन की शुरुआत खराब होती है तो पूरा दिन खराब होता है। कई बार ऐसा कुछ हो जाता है जिसकी उम्मीद नहीं होती है और जब होता है तो दिमाग भन्ना जाता है। आइए देखते हैं क्या इन चीजों से आपका सामना हुआ है कभी।
रात में पूरा माहौल बनाने के बाद हम सोते हैं लेकिन एक जरा सा हिस्सा खुला रह जाता है। सुबह जब इस हिस्से से सूरज की किरण निकलकर आपको जगाती है तो मूड खराब हो जाता है। कई बार दिन में भी ऐसा हो जाता है, तब भी पूरा माहौल बिगड़ जाता है।
जब पूरी शिद्दत से टॉयलेट पेपर खीचो और सिर्फ एक टुकड़ा हाथ में आए तो क्या कहते हैं आप।
बढ़िया वालपेपर देखकर स्क्रीन शॉट मार लिया, लेकिन जब खोलकर देखा तो ये भी लिखकर आ गया।
डस्टबिन में ऐसी पॉलीबैग लगाने का फायदा क्या?
उबले हुए अंडे को छिलने पर ऐसा होता है तो नाश्ते की फोटो गड़बड़ हो जाती है।
फ्रिज का दरवाजा खोलते ही अगर कुछ गिर जाता है तो मन नहीं करता उठाने का।
जब कहीं जाना हो तो बैग की चैन जरूर खराब हो जाती है।
टॉयलेट शीट के पास ही होना चाहिए पेपर, नहीं तो... नहीं होना चाहिए।