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अगर आपने अनिल कपूर की फिल्म नायक देखी है तो इस वीडियो को देखकर आपको एक पल के लिए लग सकता है बच्चों को नायक बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है। एक जगह ढेर सारा गोबर इकट्ठा कर दूध पीते बच्चों को उसमें सान दिया जाता है। बच्चा बिलखता है तो उसे गोबर में पटक दिया जाता है। गोबर में जबरन अपने बच्चे धकेलकर मां-बाप को असीम सुख की अनुभूति होती है। बच्चा रोता है, लेकिन उनके चेहरों पर मुस्कान होती है। वे जश्न मनाते हैं और उन्हें ऐसा करता हुआ देखकर दूसरे लोग वीडियो बनाते हैं।
कहते हैं कि दुनिया विश्वास पर चलती है। अमूमन लंबे चलने वाले रिश्तें भी विश्वास नाम की अदृश्य डोर से बंधे होते हैं। लेकिन इन लोगों को विश्वास नाम की अपच है। क्योंकि विश्वास का घोल बनाकर इन्होंने आपे से अधिक पी लिया है। जिसकी बानगी अंधविश्वास के रूप में नजर आ रही है। इस देश में ये ही अकेले नहीं है, इनके जैसे बहुत हैं, जो विश्वास के नाम पर ऐसी परंपराओं में सिर लेकर पांव तक धंसे हुए हैं। आपने सिर पर कौआ बैठने वाली बात तो सुनी ही होगी। देश के कुछ इलाकों में यह अंधविश्वास है कि सिर पर कौआ बैठने पर उस शख्स को मरा घोषित कर रिश्तेदारों को सूचना दी जाए, तभी उस आदमी के ग्रह कटते हैं और वह सामान्य हो पाता है।
इन अंधविश्वासों को अगर कोई गिनने बैठे तो इतनी लंबी लिस्ट बनेगी कि उस पर विश्वास नहीं होगा। लेकिन इस वीडियो ने तो अंधविश्वास को भी कमतर कर दिया है।