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एक युद्ध हजारों की जानें लेता है, लेकिन युद्ध खत्म होने बाद भी सैनिक इसके असर में रहता है। युद्ध के दौरान वह इतनी लाशें देख लेता है कि जिंदगी उसके लिए नीरस हो जाती है। बारूद का धुंआ उसे इतना झुलसा देता है कि जिंदगी की रंगीनियां जैसे दम तोड़ देती हैं और उस पर एक प्रकार का अवसाद हावी हो जाता है। इस अवसाद को पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर कहते हैं।
यह एक ऐसा जख्म होता है जो दिखाई नहीं देता। बंदूकों के शांत होने बाद भी उनकी आवाजें कानों में चुभती रहती हैं। सैनिक वाकई लौटते वक्त अपने साथ घरों में युद्ध ले आते हैं, जिसका उन्हें अहसास भी नहीं होता। इराक युद्ध के एक सैनिक जोश मरीनो कुछ ऐसा ही कहते हैं। मरीनो भी इसी बीमारी से पीड़ित हो गए थे और आत्महत्या करने जा रहे थे।
मरीनो ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा और एक चाकू हाथ में लिया। बाहर बारिश हो रही थी। मरीनो ने मरने से पहले आखिरी दफा सिगरेट पीनी चाही। मरीनो बाहर निकले तो एक झाड़ियों में से एक अजीब से आवाज आ रही थी। उस आवाज ने मरीनो का ध्यान खींच लिया। देखते ही देखते झाड़ियों में से एक काले रंग प्यारा से बिल्ली का बच्चा आया और म्याऊ... म्याऊ करता मरीरो के पैर से लिपट गया। वह अपना सिर मरीने के पैर पर रगड़ने लगा।
बिल्ली के बच्चे के इस प्यारे स्पर्श ने आत्महत्या करने जा रहे मरीनो के दिल को छू लिया और वे फूट-फूटकर से रोने लगे। बिल्ली का बच्चा मरीनो के लिए जीने एक नया मकसद लेकर आया था। मरीनो से उसे सहलाया और अपने आंसू पोंछे।
मरीनो ने बिल्ली के बच्चे का नाम स्काउट रखा और उसे अपनी जिंदगी बचाने का क्रेडिट देते हैं। मरीनो बताते हैं कि स्काउट से मिलते ही वे सोचने लगे कि उनकी समस्याएं क्या हैं और उस बिल्ली के बच्चे की समस्याएं क्या हैं? ...और मैं उसकी मदद के लिए क्या कर सकता हूं? दोनों के बीच ये एक अचानक से बना रिश्ता था, लेकिन अभी कहानी खत्म नहीं हुई है।
मरीनो ने स्काउट को लेकर एक वीडियो बनाया है। इस वीडियो को म्यूचुअल रेस्क्यू संस्था के लिए बनाया गया है जो यह दिखाता है कि जानवरों का इंसानों के साथ कितना प्यारा रिश्ता हो सकता है। मरीनो और स्काउट की यह कहानी दिल के तार जरूर झनझना देती है। देखें वीडियो