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जो ये सोचते हैं कि हम ये काम करेंगे तो लोग क्या कहेंगे वो खुल के जी नहीं पाते। जिस दिन ये सोचना छोड़ दिया, उस दिन जिंदगी को अपने ढंग से जीना शुरू कर दोगे। जिंदगी में कुछ ही पल ऐसे होते हैं जो बेहतरीन होते हैं। उन पलों को और बेहतरीन बनाने के लिए खुल के जीना भी ज़रूरी होता है।
कभी-कभी हुडदंगई करना भी बेहद ज़रूरी है। हां लेकिन हुड़दंगई ऐसी हो जिससे कोई नुकसान न हो। जिससे किसी को परेशानी न हो, कोई दिक्कत में न पड़ जाए।