इंसान सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक दिनभर दो ही काम करता है। एक खाना-पीना और दूसरा खाने-पीने का इंतज़ाम करना। बाकी जितने भी काम हैं वो सब इसके बाय प्रोडक्ट के तौर पर समझ लें। बाय प्रोडक्ट का मतलब बाकी सब काम।
लेकिन हम और आप जितना कुछ खाते हैं। चाहे वो गेंहूं हो, चावल हो मक्का हो, चीनी हो या फिर कुछ और ये सब आखिर हमारी थाली तक पहुंचे कैसे? कहीं तो किसी ने पहली बार उगाया होगा या फिर उगा हुआ किसी न किसी इलाके में मिला होगा? आज यही बता रहे हैं जान लीजिए।
चावल पूरी दुनिया में खाया जाता है। जहां उगता है वहां इसे सस्ते अनाज के तौर पर उपलब्ध माना जाता है और जहां उपज नहीं होती वहां इसे दूसरे इलाकों से आयात करवाया जाता है। इंडिया में भी धान की उपज भरपूर होती है। धान से ही चावल निकाला जाता है। लेकिन मूल रूप से ये चीन से आया है।
गेहूं इंडिया में भी खूब उपजता है। इंडिया में इसे बेसिकली आटा बनाकर रोटी बनाने के काम में लाया जाता है। फिर दुनिया ने ब्रेड बनाना भी सिखा दिया।
सीरिया, जॉर्डन, पूर्वी इराक और तुर्की जैसे इलाकों में गेहूं उगाने के सबूत मिले हैं जो हज़ारों साल पुराने बताए जाते हैं। इसको कई तरह की प्रक्रियाओं से कहीं ब्रेड, कहीं पास्ता तो कहीं रोटी की शक्ल दी जाती है। लेकिन फिर भी गेहूूं के सबसे बड़े उत्पादक चीन, भारत, अमेरिका, रूस और फ्रांस हैं।
मक्का, जिसको हमारे यहां गांव में लोग भुट्टा भी कहते हैं या मकई भी कहा जाता है। हमारे यहां मूल रूप से इसे या तो कोयले पर सेंक कर खाया जाता है। या फिर रेत पर सेंक कर पॉपकॉर्न बनाया जाता है।
मूल रूप से सेंट्रल मेक्सिको में पैदा होनेवाला मक्का अब विश्व के सभी महाद्वीपों में फैल चुका है। ग्लोबल फूड इंडस्ट्री में इससे ग्लूकोज सिरप बनाया जाता है। और अमेरिका में 85 फीसदी जीएम मक्का उगाया जाता है।
बिहार में जब लालू जी पहली बार सत्ता में आए थे उससे पहले एक नारा आया था 'जब तक रहेगा समोसे में आलू, तब तक रहेगा बिहार में लालू'।
लेकिन ये आलू वास्तव में दक्षिण अमेरिका से आया है। वहां के मूल निवासी आलू उगाने का काम किया करते थे। 16वीं सदी में स्पेन के योद्धाओं ने जब पेरू पर कब्जा किया तब उन्होंने आलू का स्वाद चखा और उसे यूरोप ले आए। तब से स्पेन और जर्मनी, आयरलैंड जैसे कई यूरोपीय देशों में आलू उगाया जाने लगा। आज चीन, भारत और रूस आलू के सबसे बड़े उत्पादक हैं।
गन्ना उत्तर प्रदेश और बिहार में एक वक़्त पर धुआंधार तरीके से उगाया जाता था। फिर खूब सारी चीनी मिलें खुल गई। लेकिन बाद में धीरे-धीरे स्थिति बिगड़ गई।
गन्ना पूर्वी एशिया में कहीं से आया माना जाता है। इसकी मिठास के इस्तेमाल का इतिहास 2,500 साल से भी पुराना है और आज की तारीख में इसे सबसे ज्यादा ब्राज़ील में उगाया जाता है।
सिर्फ खाते ही हैं सुबह-शाम या फिर कुछ पता भी है इसके बारे में?
दक्षिणपूर्व एशिया से निकला केला आज जब जर्मनी के बाजारों में बिकता है, तो स्थानीय सेबों से भी सस्ता पड़ता है। इसके सबसे बड़े निर्यातक लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई देश हैं। इन्हें उगाने वालों के कामकाज की स्थितियां काफी कठिन होती हैं। इसके अलावा इसमें कीटनाशक दवाइयों के भारी इस्तेमाल के कारण भी समस्या होती है।
सदियों से खाने पीने के मामले में दुनियाभर के इलाकों के बीच खूब अदला बदली हुई है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर ट्रॉपिकल एग्रीकल्चर ने एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें आज की तारीख में विश्व भर में प्रचलित मुख्य भोजन के बारे में बताया गया है कि वो आखिर आए कहां से और आज कहां उगाए जा रहे हैं।