Home Lifestyle Ram Singh S Wife Gives Birth To 16 Girls In Quest Of Son

गुजरात के राम सिंह ने वो कर दिखाया जो एक योद्धा कभी नहीं कर सकता!

shweta pandey/firkee.in Updated Tue, 03 Jan 2017 01:15 PM IST
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राम सिंह
राम सिंह
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विस्तार

एक जमाना था जब डीडी वन (नेशनल) पर परिवार नियोजन का विज्ञापन आता था। उसमें गांव का सरपंच खुद निरोध (कॉन्डोम) बांटता था और संदेश देता था कि कॉन्डोम लेने में शर्म नहीं करना चाहिए। गांव-गांव तक तक के लोग आजकल परिवार नियोजन से वाकिफ हैं। फिर भी गुजरात के झरिबुड़ी गांव का निवासी राम सिंह दो बेटों की चाह में 16 लड़कियों को पैदा किया। आज भी लोग बेटों पर जान छिड़कते हैं। बेटे पैदा होने की आश रखते हैं लेकिन नसीब बेटियों से झोली भर देता है।

गुजरात में बेटों की चाह रखने वाले इस कपल ने 16 बेटियों को जन्म दिये। जिसमें से 14 जिंदा हैं और दो की मौत हो गयी है। 2013 में राम सिंह ने एक बेटे को भी जन्म दिया। इस तरह उसने 16 बेटियां और एक बेटा पैदा किया। अब जाकर गांववालों के समझाने पर पति-पत्नी नसबंदी के लिए राजी हुए। आदिवासी कम्युनिटी से आने वाले राम सिंह ने कुछ दिन पहले पत्नी का ऑपरेशन कराया है।
 
सरपंच ने क्या कहा...
 

झरिबुड़ी गांव का राम सिंह 14 जीवित बेटियों की जिम्मेदारी संभालने के लिए दो बेटे चाहता था। वह दो बीघा जमीन पर मक्के और गेंहू की खेती कर पत्नी कानू संगोट और बच्चों का पेट पालता है। जबकि एक्स्ट्रा इनकम के लिए पत्नी मजदूरी करती है।

– सरकार के नारे (हम दो हमारे दो) को दरकिनार कर राम सिंह ने ‘हम दो हमारे 17 कर दिए’। करीब दो साल पहले जब 16वीं बार कानू प्रेग्नेंट हुई तो उसे एक और लड़के की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

सरपंच वियरल बेन ने बताया, ”गांववालों ने रामसिंह और कानू को समझाया कि वह अपनी फैमिली पर अब रोक लगाएं। क्योंकि महंगाई के जमाने में इतने बच्चों को पालना बहुत मुश्किल है। कैसे उनकी पढ़ाई और शादियां होंगी?”

 


 राम सिंह ने एक अंग्रेजी अखबार से फोन पर कहा, ”उसे 17 बच्चों की डिलिवरी डेट का पता नहीं है। कई का नामकरण तो अभी तक नहीं किया गया है।””इकलौते बेटे विजय का जन्म 2013 में हुआ था। 16 में से 2 बेटियों की मौत हो गई, जबकि दो की शादी हो चुकी है। दो बेटियां राजकोट में काम करती हैं।

” पत्नी ने कहा, ”पति के लिए खास था कि दो बेटे हों। हमारे समाज में बहनों के प्रति भाइयों को कई जिम्‍मेदारियां निभानी पड़ती हैं। मेरा इकलौता बेटा इस बोझ को उठाने के लायक नहीं है।”


लो भई अब क्या होगा ये तो राम सिंह ही जाने। 17 बच्चे पैदा करने के लिए ताकत चाहिए। आदमी है कि मशीन। उपर से गरीबी, अब गुजारा कैसे होगा। राम सिंह की नैया राम भरोसे..


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