विस्तार
संगीत और नृत्य एक ऐसी कला है जिसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। ये ताकत कला में ही है जो मौन को अभिव्यक्त कर दे, यानी कला को मनुष्य की सार्वभौमिक भाषा भी कहा जा सकता है। फिल्मों में भी कला को भी एक खास जगह दी जाती है। इन बैले डांसर्स की ये कला जीने के एक नये ढंग को बयां करती हैं। एक सोए हुए इंसान में नया ताकत, नयी फुर्ती भरती हैं।
ये तस्वीरें न्यूयार्क सिटी की हैं जिसे क्लिक किया है Omar Robles ने..
बेपरवाह..
कोई भी झुक जाए..
खुशी की एक लहर..
जब निगांहें थम जाएं..
जब हार झुक जाए..
आसमां नीचे..
जब खुद कला कुछ बोल जाए..
जब ज़िंदगी एक शौक बन जाए..
खुशियों की एक कतार..
जब ताऱीफ के लिए शब्द कम पड़ जाए..