विस्तार
आदमी चाहे कितना भी विवादित हो, उसे किसी न किसी जगह तो सम्मान मिलता ही है। स्वामी ओम शायद इकलौते ऐसे आदमी है जो लगभग हर मंच, हर द्वार से धकियाए गए हैं। साल में जितने महीने नहीं होते स्वामी ओम उससे ज्यादा बार तो एक साल में कूटे जाते हैं। अभी हाल ही में कोर्ट परिसर से खदेड़े गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वो वहां खड़े होकर सुुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बोल रहे थे।
अभी उस पिटाई का दर्द गया भी नहीं था, कि 10 लाख के जुर्माने की खबर ने दर्द को दोगुना कर दिया है। जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था उसी दिन स्वामी ओम कोर्ट परिसर में ही जस्टिस दीपक मिश्रा की नियुक्ति को लेकर आवाज उठा रहे थे। उन्होंने कहा था कि अगले मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए जस्टिस दीपक मिश्रा की नियुक्ति गलत है। इस पर रोक लगा देनी चाहिए।
उनकी इसी टिप्पणी और दीपक शर्मा की नियुक्ति पर दायर की गई याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी ओम पर 10 लाख का जुर्माना लगा दिया है। अब जुर्माना खुद सुप्रीम कोर्ट ने लगाया है तो उनकी सुनवाई की गुंजाइश भी नाम मात्र जितनी है। देखते हैं कि स्वामी ओम कोर्ट के सामने जाकर माफी मांगते हैं या खुद को विष्णु का अवतार बताकर कोर्ट को भस्म करने की धमकी देते हैं।