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सोने जैसा चमकता 185 फुट ऊंचा श्मशान, सोने के रथ पर श्मशान तक अंतिम यात्रा, और पूरे अंतिम संस्कार में खर्च हुए 6 अरब रुपये। ऐसा अंतिम संस्कार किसी राजा का ही हो सकता है। जी हां, थाईलैंड के राजा पूमीपोन अदून्यदेत की मृत्यु तो साल भर पहले यानी 13 अक्टूबर 2016 को हो गई थी, लेकिन उनका अंतिम संस्कार अब किया गया है।
आपके मन में ये सवाल जरूर कौंधा होगा कि साल भर बाद राजा का अंतिम संस्कार क्यों किया गया? तो हम आपको बता दें कि राजा की मृत्यू के बाद एक साल का राष्ट्रीय शोक मनाया गया ताकि उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां हो सकें। मीडिया रिपोर्ट में ये भी कहा जा रहा है कि लोग उन्हें भगवान राम का वंशज भी मानते हैं और लोगों में उनके प्रति अपार श्रद्धा और आस्था है। अब इस ट्वीट को ही देख लीजिए, इसमें राजा को किंग राम के नाम से संबोधित किया गाया है।
राजा पूमीपोन का अंतिम संस्कार अब का सबसे महंगा अंतिम संस्कार माना जा रहा।
राजा के अंतिम संस्कार के लिए 500 मूर्तियां बनवाई गईं और बौद्ध परंपरा के अनुसार राजा का शव सोने के रथ पर रखकर श्मशान तक ले जाया गया। चिता तक की दो किलोमीटर की दूरी तीन घंटे में पूरी हुई। जैसे ही राजा का शव पहुंचा, तो तोपों की सलामी दी गई। यह अब तक का सबसे महंगा अंतिम संस्कार है।
राजा पूमीपोन को पेंटिंग, फोटोग्राफी और सैक्सोफोन बजाने और गीत लिखने का शौक था। उनका जन्म 5 दिंसबर 1927 को अमेरिका के मैसाचुसेट्स में हुआ था। जब वे 2 साल के थे तब उनके पिता माहिडोल दुनिया छोड़ गए थे। पूमीपोन की शिक्षा-दीक्षा स्विटजरलैंड में हुई। महज 18 साल की उम्र में पूमीपेन थाइलैंड के राजा बन गए थे।
राजा पूमीपोन 200 वर्ष पुराने चकरी राजवंश के 9वें राजा थे। वह दुनियाभर में सबसे लंबे समय तक राज करने वाले राजा के तौर पर जाने जाते थे।