'रोलेक्स अवॉर्ड फोर एंटरप्राइज' दुनियाभर से ऐसे लोगों को दिया जाता है जो अपनी इन्नोवेटिव थिंकिंग से दुनिया को एक नया शेप दे रहे हैं। सोनम वांगचुक को ये अवॉर्ड उनके प्रोजेक्ट 'आइस स्तूप' के लिए दिया गया। आइस स्तूप मतलब बर्फ का टील्हा समझें। इस साल के रोलेक्स अवॉर्ड जीतने वाले 5 प्रोजेक्ट में से एक।
वांगचुक की उम्र 50 साल है। जो कि इंजीनियर हैं। आइस स्तूप का आईडिया वास्तव में हिमालय के रीजन में जो सूखे जगह हैं। उनके लिए पानी के इंतज़ाम को लेकर था।
लद्दाख रीजन के कुछ इलाकों में गर्मियों के दिनों में पानी की भारी किल्लत हो जाती है। वजह कि ग्लेसियर के रीजन का पानी बह जाता है। और बाद में फसलों के लिए पानी बचता नहीं। तो पानी की दिक्कत से बचने के लिए इनके दिमाग में ये आईडिया सुझा। जो कि लद्दाख के ही एक इंजीनियर चेवांग नॉर्फेल के एक एक्सपेरीमेंट से इंस्पायर्ड था।
आइस स्तूप एक कोनिकल पिरामिड होता है। जो कि बर्फ से बना होता है। जिसकी हाइट करीब 30 मीटर के आस-पास। वांगचुक को ऐसे करीब 20 आइस स्तूप बनाने हैं। जिससे लाखों लीटर पानी सप्लाई किया जा सकेगा। वांगचुक ने अवॉर्ड सेरेमनी में ऐसा कहा भी कि इस अवॉर्ड के पैसों का इस्तेमाल आइस स्तूप को बढ़ाने में ही किया जाएगा।
फ्यूचर में ये एक यूनिवर्सिटी भी खोलने वाले हैं। जो आस-पास के गांव वालों के दान दिए गए ज़मीन पर खोला जाएगा। ये एक अल्टरनेटिव युनिवर्सिटी होगी जो एनवायरनमेंट से यूथ को जोड़ने के लिए चलाई जाएगी।