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26 जननरी आ रहा है, राष्ट्रीय ध्वज तो हर जगह फहराया जाएगा। आज़ादी के 70 साल हो गये, कितने बदलाव आ गये इस 70 साल में, भारत कहां से कहां पहुंच गया। पर तिरंगा आज भी वही है, तीन रंगों वाला, और इसे कोई बदल भी नहीं सकता क्योंकि ये तिरंगा हमारे देश की शान है जिसके आगे हम सब नतमस्तक हो जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस तिरंगे को किसने बनाया। हम कनफर्म हैं कि आपमें से शायद ही कोई होगा जो उनका नाम जानता हो। अगर जानते हैं तो अच्छी बात है और नहीं जानते तो हम बता देते हैं।
उस व्यक्ति का नाम है 'पिंगली वेंकैया', 1921 में इसी व्यक्ति ने भारत का राष्ट्रध्वज बनाया था। 1916 से 1921 तक पिंगली ने 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज का अध्ययन किया। सर्वप्रथम तिरंगे के अंदर तीन रंगों का इस्तेमाल किया गया था जिसमें लाल रंग हिंदुओं के लिए हरा रंग मुसलमानों के लिए और सफेद रंग अन्य धर्मों के लिए इस्तेमाल किया गया था। चरखे को प्रगति का चिन्ह मानकर झंडे में जगह दी गई थी।
1931 में जो प्रस्ताव पारित किया गया उसमें लाल रंग को हटाकर केसरिया रंग का इस्तेमाल किया गया। 22 जुलाई 1947 संविधान सभा में राष्ट्रीय ध्वज को सर्वसम्मति से अपना लिया गया बाद में चरखे को हटाकर सम्राट अशोक का धर्मचक्र इस्तेमाल किया गया।
इतनी महत्वपूर्ण जानकारी शायद ही किसी को पता होगी। अगर पता भी होगी तो हममें सो कई लोग भूल चुके होंगे। अभी हमारे तिरंगे में केसरिया का मतलब - समृद्धि, सफेद मतलब - शांति और हरा मतलब प्रगति है।
जय हिंद..