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सोचिए जरा, किसी की मौत के बाद लोग खुशी खुशी उसके साथ फोटो खिंचवाएं तो कैसा महसूस होगा। चौंकिए मत, विक्टोरियन काल में मृत लोगो के साथ फैमिली फोटो खिंचवाने का फैशन काफी चलन में था। खासकर बच्चों की मौत के बाद पूरा परिवार मृत बच्चे को सजाकर उसके साथ फैमिली फोटो खिंचवाता था। इसके बाद ही मृतक का अंतिम संस्कार किया जाता था।
सूत्र बताते हैं कि विक्टोरियन काल में चूंकि शिशु मृत्युदर काफी ज्यादा थी। ऐसे में बच्चों की याद को सहेजने के लिए फोटोग्राफी एक कारगर विकल्प बन गया था कि परिवार मृत बच्चे को याद कर सके। अगर किसी बच्चे की मौत हो जाए तो पूरा परिवार फोटोग्राफर को बुलवाकर बाकायदा फोटोसैशन कराता था। कई बार तो मां बाप अपने मृत बच्चे के साथ फोटो खिंचवाते थे जिसमें बच्चा जीवित सा प्रतीत होता था।
जानकर अचंभा होगा कि फोटोग्राफर कई ट्रिक्स का इस्तेमाल करके बाकायदा मृत व्यक्ति को जीते जागते इंसान की तरह खड़ा करके फोटो खींचता था। इन फोटोग्राफ्स को देखकर लगता ही नहीं कि जिस व्यक्ति की फोटो खीची गई है वो मृत है।