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शादी एक ऐसा पवित्र बंघन है, जिसमें दो लोग ही नहीं दो खानदान एक हो जाते हैं। सिनेमा में भी शादी के भव्यता को बेजोड़ तरीके से फिल्माया जाता है, लेकिन फिल्मी पर्दे के बाहर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुई जिस शादी के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं वह किसी फिल्म की कहानी तो नहीं है लेकिन उससे कम भी नहीं है...
औरंगाबाद के दो परिवारों ने शादी में फिजुलखर्ची ना करने का फैसला करते हुए उन पैसों से 90 गरीब परिवारों के लिए घर बनावा दिया। इतना ही नहीं जरुतमंद लोगों के लिए बनाए गए घरों के बीच में ही मंडप लगाकर शादी की गई।
जिला औरंगाबाद के जाने-माने बिजनेस मैन 'अजय कुमार मुनोत' की बेटी 'श्रेया' की शादी उसी जिले के मशहूर व्यापारी 'मनोज कुमार जैन' के बेटे 'बादल' के साथ तय हुई थी। दोनों परिवार आर्थिक तौर पर संपन्न थे, इसलिए शादी को भव्य तरीके से आयोजित करने की तैयारी थी। जिसके चलते फाइव स्टार होटल से लेकर गाने बजाने की बुकिंग शुरू कर दी गई थी।
इसी दौरान अजय और मनोज ने फिजूलखर्ची नहीं करने का फैसला किया और सोचा क्यों ना इन पैसों से गरीब लोगों की मदद की जाए। इस विचार को लेकर उन्होंने इलाके के विधायक प्रशांत बंब से इस पर चर्चा की। विधायक से चर्चा करने और सोच विचार करने के बाद यह फैसला लिया गया कि फाइव स्टार, कैटरिंग और गाने-बजाने की तैयारी में किए जाने वाले लाखों के खर्चे को बचाकर गरीब लोगों के लिए घर बनाया जाए।