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कैसा हो कि आप बिना बोले एक दूसरे से बात कर सकें। आप कहेंगे कि ऐसा तो मूक-बधिर लोग कर सकते हैं। लेकिन यहां बात हो रही है उन लोगों की जो कि आवाज निकाल सकते हैं। लेकिन कई बार परिस्थितिवश बोल कर एक दूसरे से बातचीत नहीं कर सकते।
जैसे कि मानिए आप सिनेमा हॉल में बैठे अपने दोस्त के साथ कोई फिल्म देख रहे हैं। तभी एक सीन आया और आपको जो से तलब लगी बात करने की लेकिन आस-पास के माहौल में संभव नहीं है। तो ऐसी स्थिति में आपके मन में कई बार ये बात आई होगी कि काश ऐसा होता कि आप बिना कहे सिर्फ सोच कर ही अपने दोस्त से बात कर पाते। तो आपके लिए खुशखबरी है। ऐसा संभव होने जा रहा है।
दरअस, मैसचूसिट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (MIT) के एक अनुसंधानकर्ता ऐसी डिवाइस विकसित की है जिसके जरिए बिना आपके आवाज निकाले दूसरे लोग उन शब्दों को सुन सकेंगे जो उस वक्त आपके दिमाग में चल रहा होगा। अब आप सोच रहे होंगे कि फिर तो बड़ी समस्या हो जाएगी। कई लोग तो प्राइवेसी के सवालों तक पहुंच गए होंगे तो रुकिए। आप इस मशीन की कार्यप्रणाली समझिए फिर जान जाएंगे कि क्यों इस मशीन से आपकी प्राइवेसी को खतरा नहीं है।
होगा ये कि ये मशीन दिमाग नहीं पढ़ेगी। यह मशीन सब्वोकैलिसेशन्स के आधार पर दो लोगों के बीच संवाद बनाएगी। दरअसल, जब भी आप अपने दिमाग में किसी शब्द को कहते हैं तो उस वक्त आपके जबड़े में जो बेहद छोटे और अदृश्य मूवमेंट होते हैं, जिन्हें सब्वोकैलिसेशन्स कहते हैं।
जब भी कोई इंसान आंतरिक रूप से कोई शब्द या वाक्य बोलने की कोशिश करता है उस वक्त उसके चेहरे के निचले हिस्से और गर्दन की तरफ स्किन की सतह पर जो इलेक्ट्रिकल संवेग उत्पन्न होता है, हेडसेट की तरह पहना जाने वाला यह डिवाइस उसी संवेग को पढ़ता है। इन्हीं संवेग के आधार पर यह मशीन शब्दों को बनाएगी और दूसरे तक पहुंचाएगी। तो समझे कैसे आपकी प्राइवेसी भी बची रहेगी और बात भी हो जाएगी बिना दूसरों की प्राइवेसी भंग किए। इस मशीन को नाम दिया गया है AlterEgo।