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अब जब वैलेंटाइन डे का खुमार लोगों के दिलो दिमाग से उतर चुका है तब यह जानना भी जरूरी है कि क्या ये दिन वाकई प्रेम की भावनाओं के इजहार के लिए है या बाजार में जान फूंकने के लिए।
अगर आपको लगता है कि ये दिन वाकई प्रेम पर्व का दिन है तो एक बार बाजार के इन आंकडों पर भी निगाह डाल लीजिए, जो यह बताने के लिए काफी हैं कि कैसे वैलेंटाइन वीक के पूरे हफ्ते में बाजार के अलग अलग हिस्सों में एकदम उछाल आता है।
-बाजार पर निगाह रखने वाली एक वेबसाइट वाउचर क्लाउड के अनुसार अकेला वैलेंटाइन डे ही देश को पांच अरब रुपये का कारोबार दे जाता है।
-खास बात ये है इसमें नौकरी पेशा और छात्र ही जमकर अपनी जेब ढीली करते हैं। मसलन नौकरीपेशा लोग औसतन एक हजार से 50 हजार रुपये तक की रकम वैलेंटाइन डे के दिन अपने प्यार को खुश करने के लिए खर्च करते हैं तो छात्र इस मामले में थोड़ा पीछे रह जाते हैं जो 500 रुपये से दस हजार तक खर्च करते हैं।
-अगर औसत की बात करें तो प्रेमी-प्रेमिका एक दूसरे उपहार देने के लिए लगभग 1500 से 3000 हजार रुपये तक खर्च करना पसंद करते हैं।
-एक आंकड़े के अनुसार वैलेंटाइन वीक के दौरान देश में फूलों का ही लगभग 22 से 25 करोड़ का कारोबार होता है।
-वैलेंटाइन वीक के दौरान खर्च करने के मामले में पुरुष महिलाओं से काफी आगे हैं। इस दौरान एक पुरुष औसतन जहां 4 हजार रुपये खर्च करता है वहीं महिलाएं मात्र 2 हजार रुपये ही खर्च करती हैं।
-इसके अलावा देश में 23 फीसदी लोग वैलेंटाइन के अवसर पर ज्वैलरी गिफ्ट करना पसंद करते हैं। जबकि 12 फीसदी लड़कियां चॉकलेट लेना पसंद करती हैं।
-एक सर्वे के अनुसार भारतीय पुरुष वैलेंटाइन गिफ्ट के रूप में सिलवर कपलिंक्स और सिल्क टाईस लेना पसंद करते हैं तो महिलाएं ज्वैलरी और फोन पाकर ज्यादा खुश होती हैं।
-एक बड़ा रोचक तथ्य ये भी है कि वैलेंटाइन वीक के अवसर पर कॉन्डम की बिक्री भी लगभग 20 फीसदी तक बढ़ जाती है।
-इसके अलावा विएग्रा जैसी गोली की बिक्री में भी 26 फीसदी तक उछाल आता है।
-अगर गिफ्ट की बात करें तो 14 फीसदी लड़कियां मात्र ग्रिटिंग कार्ड पर ही दोस्ती के लिए हां कर देती हैं।