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अगर आपका जन्म 90 के दशक के पहले हुआ है तो आपने बचपन में कुछ बातें ऐसी जरूर सुनी होगी जो सुनने में ही बेबुनियाद लगती थी लेकिन हम उन्हें बड़ा सिरयसली लेते थे। और बड़े दिनों तक इन बातों पर भरोसा करते रहे। आज जब हम उन कहावतों, कहानियों और किस्सों के बारे में सुनते हैं तो हम समझ जाते हैं कि यह हमें किसी तरह की सीख देने और किसी खास चीज से दूर रहने के लिए की जाती थी। तो आइए, याद करते हैं बचपन की वो बातें...
झूठ बोलना पाप है, नदी किनारे सांप है
अरे बाप रे बाप, तुमने फल का बीज खा लिया, अब तुम्हारे पेट में पेड़ उग जाएगा
खाली कैंची नहीं चलाते बेटा... लड़ाई होती है
ये चप्पल उल्टी रखते हो, लड़ाई होगी तुम्हारी
रात के वक्त सांप का नाम नहीं लिया जाता, सचमुच आ जाता है वो
च्यूइंगम को निगलना नहीं चाहिए, ये पेट में जाकर चिपक जाती है