इस खूबसूरत गांव को कहते हैं 'भगवान का बगीचा', जानिए क्यों?
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Published by:
Ayush Jha
Updated Sun, 12 May 2019 07:12 PM IST
हम अक्सर ही जब टीवी पर कोई यूरोप, अमेरिका महाद्वीप या एशिया का ही कोई अन्य विकासशील देश में बसा शहर या गंव देखते है तो यही सोचते हैं कि भारत इतना साफ और सुंदर क्यों नहीं है, लेकिन खुद कुछ नहीं करते। जहां एक और सफाई के मामले में हमारे अधिकांश गांवों, कस्बों और शहरों की हालत बहुत खराब है वही यह एक सुखद बात यह है की एशिया का सबसे साफ सुथरा गांव भी हमारे देश भारत में स्थित है।
यह गांव भारत के मेघालय राज्य में है जिसका नाम 'मावलिन्नांग' है। जो राजधानी शिलांग और भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से 90 किलोमीटर दूर पर स्थित है। बता दे कि मावलिन्नांग को एशिया के सबसे स्वच्छ गांव का खिताब प्राप्त है।
यह गांव 2003 में एशिया का सबसे साफ और 2005 में भारत का सबसे साफ गांव बना। इस गाँव की सबसे बडी खासियत यह है की यहाँ की सारी सफाई ग्रामवासी स्वयं करते है, सफाई व्यवस्था के लिए वो किसी भी तरह प्रशासन पर आश्रित नहीं है।
मावलिन्नांग गांव की साफ-सफाई का ख्याल सरकार की तरफ से नहीं बल्कि वहां रहने वाले लोग ही रखते है। इस गांव में लगभग 500 लोगों की जनसंख्या है। इस छोटे से गांव में 95 खासी लोगों का जनजातीय परिवार रहता हैं।
इस गांव में पॉलीथीन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है और यहां थूकना तो कतई मना है। इस पुरे गांव में जगह जगह बांस के बने डस्टबिन लगे है, साथ ही रास्ते के दोनों ओर फूल-पौधे कि क्यारियां और स्वच्छता का निर्देश देते हुए बोर्ड भी लगे हुए है।
यहाँ की साक्षरता दर 100 फीसदी है, यानी यहां के सभी लोग पढे-लिखे हैं। इतना ही नहीं, इस गांव में ज्यादातर लोग सिर्फ अंग्रेजी में ही बात करते हैं। गांव के हर परिवार का इस बात का ध्यान रखता है कि गांव पूरी तरह से साफ रहे इसलिए गांव की सफाई में रोजाना भाग लेते है। यदि कोई ऐसा नही करता तो उसे उसके घर के लोग खाना नहीं देते है।
मावलिन्नांग के लोगों को कंक्रीट के मकान की जगह बांस के बने मकान ज्यादा पसंद है। अपनी स्वच्छता के लिए मशहूर मावलिन्नांग को देखने के लिए हर साल पर्यटक भारी तादात में आते हैं। 'मावल्यान्नॉंग' गांव को 'भगवान का अपना बगीचा' भी कहा जाता है।
प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : File Photo
इस गांव के आस पास टूरिस्ट्स के लिए कई अमेंजिग स्पॉट हैं, जैसे वाटरफॉल, लिविंग रूट ब्रिज (पेडों की जडों से बने ब्रिज) और बैलेंसिंग रॉक्स भी हैं। इसके अलावा जो एक और बहुत फेमस टूरिस्ट अट्रैक्शन है वो है 80 फीट ऊंची मचान पर बैठ कर शिलांग की प्राकृतिक खूबसूरती को निहारना।