70वें गणतंत्र दिवस की परेड में बहुत कुछ पहली बार होने वाला है। इस बार की परेड क्यों होगी खास पढ़िए पहली बार परेड में क्या-क्या दिखेगा। गणतंत्र दिवस के समारोह में इस बार जहां विमन पावर दिखेगी वहीं पहली बार बायोफ्यूल से उड़ता एयरक्राफ्ट भी फ्लाइपास्ट में शामिल होगा। आर्मी का बैंड पहली इंडियन मार्शल ट्यून बजाएगा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सेना इंडियन नैशनल आर्मी में रहे चार सैनिक भी परेड में शामिल होंगे।
इस बार आर्मी में शामिल किए गए नए हथियारों के अलावा महिला अर्द्धसैनिक बल द्वारा मार्च और सभी पुरुष टीमों का नेतृत्व महिला ऑफिसर करेंगी। बोफोर्स के आने के 30 साल बाद पहली बार आर्मी एम777 और के9 वज्र का प्रदर्शन करेगी।
पहली बार परेड में आर्मी अपनी नई आर्टिलरी का प्रदर्शन करेगी। पिछले साल ही अमेरिका से लाई गई एम777 ए2 अल्ट्रा लाइट होवित्सर भी इस परेड में देखने को मिलेगी। इसके अलावा भारत में ही बनी के9 वज्र का प्रदर्शन किया जाएगा, इसका निर्माण एलएंड टी कंपनी ने पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' के तहत किया था।
इंडियन आर्मी परेड में अपने नए हथियार को भी प्रदर्शित करेगी। इसमें हाल ही में सेना में शामिल एम-777 होवित्जर और भारत में बनी के-9 वज्रा आर्टिलरी गन भी शामिल होगी। ये दोनों पहली बार गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनेंगे। साथ ही सर्फेस माइन क्लियरिंग सिस्टम और मिडियम रेंज सर्फेस से हवा में मार करने वाली मिसाइल और अर्जुन आर्मर्ड रिकवरी और रिपेयर वीइकल भी होगा। परेड में पहली बार बायोफ्यूल से उड़ता एयरक्राफ्ट भी फ्लाइपास्ट में शामिल होगा।
पहली बार असम राइफल का एक ऑल विमन दस्ता भी परेड में शामिल होगा। पहली बार आर्मी सर्विस कोर के 144 आर्मी जवानों के दस्ते को लेडी ऑफिसर लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी लीड करेंगी। आर्मी के सिग्नल कोर की डेयरडेविल्स टीम में इस बार पहली बार एक महिला अधिकारी कैप्टन शिखा सुरभि भी शामिल हो रही हैं। शिखा सुरभि राजपथ पर स्टंट दिखाते हुए विमन पावर का एहसास कराएंगी।
पहली बार परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) के सैनिक भी शामिल होंगे। आईएनए में रहे परमानंद यादव, हीरालाल, लालती राम और भागलमल गणतंत्र दिवस परेड में इंडियन आर्मी के जवानों के साथ दिखाई देंगे। पहली बार आर्मी के गोरखा ब्रिगेड का दस्ता भी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होगा। मौजूदा आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत गोरखा ब्रिगेड के प्रेजिडेंट भी हैं। सात अलग-अलग गोरखा रेजिमेंट को मिलाकर गोरखा ब्रिगेड बनती है।
पहली बार गणतंत्र दिवस में आर्मी बैंड ऐसी धुन बजाएगा जो पहली इंडियन मार्शल ट्यून है। इसका नाम शंखनाद है। सिख लाइट इंफ्रैंटी, महार रेजिमेंट और लद्दाख स्काउट्स के सामूहिक सैन्य बैंड यह मार्शल ट्यून बजाएंगे। शंखनाद आजाद भारत की पहली मूल मार्शल ट्यून है जो भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित है।
शंखनाद की संगीत रचना तीन पारंपरिक रागों का संयोजन है-राग बिलसखनी तोडी, राग भैरवी और राग किरवानी। यह भी भारतीय मार्शल संगीत परंपरा के इतिहास में पहली बार है कि एक मार्शल धुन एक महिला संगीतकार ने तैयार की है। शंखनाद के शब्द महार रेजिमेंट में रहे ब्रिगेडियर विवेक सोहल (रिटायर्ड) की कविता के हैं। भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रफेसर तनुजा नाफडे ने धुन तैयार की है।