इतिहास उठाकर देख लें तो महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है। उनका योगदान अतुलनीय है। जिसके लिए विश्व की प्रभावशाली महिलाओं को सम्मान से नवाजा गया है और कई बड़े संगठनों ने उन्हें अपनी प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल भी किया है। आप सोच रहे होंगे कि सिर्फ बड़े पदों पर कार्यरत, काफी पढ़ी लिखी और चर्चित महिलाओं को ही ऐसे दर्जे दिए जाते होंगे। खास बात तो ये है कि कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं जो भले कम पढ़ी लिखी हों लेकिन उन्होंने वो काम किए हैं जो शायद काफी शिक्षित लोग भी नहीं कर पाते। आज हम आपको भारत की 'वृक्ष माता' के विषय में बताएंगे।
कर्नाटक की पर्यावरणविद सालूमरादा थिमक्का की उम्र 106 साल है। सालूमरादा पिछले 80 साल से पौधे लगा रही हैं। अब तक वे 8 हजार से ज्यादा पौधे लगा चुकी हैं। राज्य के रामनगर जिले में हुलुकल और कुडूर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ करीब 4 किलोमीटर की दूरी तक अब तक 384 बरगद के पेड़ लगा चुकी हैं। इससे भी ज्यादा प्रभावित करने वाली उनकी कहानी है।
उन्होंने पौधे लगाना तब आरंभ किया जब उनके ससुराल वाले उन्हें बच्चा ना पैदा कर पाने पर ताने मारने लगे। लेकिन उनके पति ने उनका पूरा साथ दिया। जब पति-पत्नी के लिए इन तानों को सहना असहनीय हो गया तो दोनों ने प्रकृति की शरण में जाने की ठान ली।
सालूमरादा के अनुसार,अच्छा ही है कि उनका कोई बच्चा नहीं हुआ। इस कारण ही उन्होने पौधे लगाना शुरु किया। प्रकृति के प्रति थिमक्का के असीम प्रेम को देखते हुए उनका नाम 'सालूमरादा' दिया गया। कन्नड़ भाषा में 'सालूमरादा' का मतलब वृक्षों की पंक्ति होता है। सिर्फ नाम ही नहीं, उन्हें अबतक कई सम्मान और पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
वर्ष 1995 में उन्हें नेशनल सिटीजन्स अवार्ड दिया गया था। जबकि वर्ष 1997 में उन्हें इन्दिरा प्रियदर्शिनी वृक्षमित्र अवार्ड और वीरचक्र प्रशस्ति अवार्ड से सम्मानित किया गया था। प्रकृति की सेवा के लिए थिमक्का को वर्ष 2006 में कल्पवल्ली अवार्ड और वर्ष 2010 में गॉडफ्रे फिलिप्स ब्रेवरी अवार्ड से सम्मानित किया गया था। साथ ही 2019 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पदमश्री से भी सम्मानित किया गया।
2016 में 'बीबीसी की 100 सबसे प्रभावशाली महिला' की लिस्ट में शामिल किया गया है। वे इस लिस्ट में शामिल होने वाली सबसे बुजुर्ग महिला हैं। इस लिस्ट में दुनिया भर की व्यवसायी महिलाओं, इंजीनियर्स, खिलाड़ी, बिजनेस वूमन, फैशन आइकंस और कलाकारों को शामिल किया गा है। ऐसे में सालूमरादा इन सबसे एक अलग पहचान कायम करती हैं।