भारत को मंदिरों और तीर्थस्थानों का देश कहा जाता है। सह धर्म सम्भाव वाले हमारे देश में हजारों की संख्या में मंदिर हैं, जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था के साथ देवी-देवताओं के दर्शन करने और मुराद मांगने पहुंचते हैं। यहां लगभग हर इलाके में कोई न कोई मंदिर देखने को मिल जाता है। इतना ही नहीं मंदिरों में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों के माध्यम से करोड़ों का चढ़ावा भी आता है। देश के हर मंदिर का अपना महत्व और खासियत है। हालांकि, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लगभग सभी मंदिर बंद हैं।
आपको बता दें कि भारत के मंदिरों में दिया जाने वाला चढ़ावा हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। मंदिर में आने वाला चढ़ावा हर साल नए रिकॉर्ड तोड़ता है। ऐसे में आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताएंगे, जो देश के सबसे अमीर मंदिर हैं। इन मंदिरों की कमाई के बारे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर गणेश भगवान का काफी मशहूर मंदिर है। यहां आम नागरिक से लेकर सेलेब्रिटी तक माथा टेकने और मन्नत मांगने आते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर साल मंदिर को दान से करीब 75 से 125 करोड़ रुपये प्राप्त होते हैं।
साईं बाबा मंदिर, शिरडी
महाराष्ट्र के अहमद नगर में स्थित शिरडी साईं बाबा मंदिर काफी मशहूर है। इस मंदिर में देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। शिरडी साई संस्थान के मुताबिक, हर साल इस मंदिर में करीब 480 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है।
वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू
माता रानी वैष्णो देवी मंदिर पूरे देशभर में काफी लोकप्रिय है। इस मंदिर में हर साल दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। टूर माय इंडिया.कॉम के मुताबिक, इस मंदिर में हर साल करीब 500 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है।
पद्मनाभ स्वामी मंदिर
केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर भारत का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मंदिर के 6 तिजोरियों में करीब 20 अरब डॉलर की कुल संपत्ति है। पद्मनाभ स्वामी मंदिर में महाविष्णु भगवान की सोने से बनी मूर्ति स्थापित है, जिसकी अनुमानित कीमत 500 करोड़ रुपये है।
तिरुपति बालाजी मंदिर
आंध्र प्रदेश के तिरुमला में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर देश के सबसे प्रतिष्ठित और अमीर मंदिरों में से एक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मंदिर में लगभग 60 हजार श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। हालांकि, कोरोना काल में इस मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित है। इस मंदिर में हर साल करीब 650 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। टीम फिरकी इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी तथ्य पर अमल करने से पहले उसकी जांच कर लें।
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