देश में इन दिनो नौकरियों को लेकर हाय-तौबा मचा हुआ है, जगह-जगह बेरोजगारी और मंदी की खबरों से अखबार के पन्ने गर्म रहते है,लेकिन इन्ही अखबारों में आपको नौकरी के विज्ञापन देखने को मिल जाएंगे कई बार ऐसे विज्ञापन भी सामने आ जाते है जिसे देखकर शायद आपको हंसी आ जाए। इन दिनो एक ऐसा ही विज्ञापन सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है। ये विज्ञापन वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स कंपनी की तरफ से छापा गया है।
कंपनी ने नौकरी वाले ऐड में कुछ ऐसा लिखा था कि इसने सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया ये विज्ञापन सोशल मीडिया पर इतना भंयकर वायरल हुआ कि कुमार विश्वास और तेजस्वी यादव के पॉलिटिकल एडवाइजर संजय यादव ने भी इसे शेयर कर दिया।
वायरल हो रहे विज्ञापन के मुताबिक बृंदावन फूड प्रोडक्ट्स को 100 कर्मचारियों की जरूरत है। 100 कर्मचारियों की ये भर्ती इन्हें जल्द से जल्द करनी है। नौकरी की पहली शर्त है कि बंदा 12वीं पास होना चाहिए, दूसरी शर्त ये है कि कर्मचारी को काम के लिये देश के किसी भी कोने में भेजा जा सकता है। इसके अलावा तीसरी और अहम शर्त ये है कि कैंडिडेट्स को अग्रवाल-वैश्य समुदाय का होना चाहिए इसके साथ ही वो अच्छी परिवार से भी होना चाहिए।
इस विज्ञापन को देखकर समझा जा सकता है कि अगर आप कंपनी की पहले दी गई शर्तों पर खरे उतरते हैं, तो आप इस नौकरी के काबिल नहीं हैं, कहने का मतलब है इस नौकरी के लिए सिर्फ अग्रवाल-वैश्य समुदाय के लोग ही आवेदन कर सकते हैं।
कंपनी की इसी तीसरी शर्त के कारण इसकी आलोचना भी हो रही है और देखा जाए ये आलोचना होनी भी चाहिए क्योंकि नौकरी देने का ये कौन सा लॉजिक है कि बंदा अग्रवाल-वैश्य समुदाय का होना चाहिए। दूसरी चीज ये भी है कि अगर कोई कैंडिडेट इस समुदाय से आता है और अच्छी फैमिली का है, तो वो ट्रेन में खाना परोसने का काम क्यों करेगा या फिर सारे परिवारिक सुख छोड़ कर, देश के कोने-कोने में क्यों भटकेगा?इस नौकरी को लेकर तमाम ऐसे सवाल हैं, जिसका जवाब मांगा जाना चाहिये और इस तरह के विज्ञापन की कड़ी निंदा भी होनी चाहिए।