यहां हमारे लड़कों को चाहिए कश्मीरी दुल्हन, वहां चीनियों का नहीं हो रहा शादी का मन
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Published by: Ayush Jha
Updated Tue, 13 Aug 2019 05:56 PM IST
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प्रतिकात्मक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
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चीन की इकोनॉमी के चर्चे आम हैं। यह देश अपने आपको हर चीज में परफेक्ट बनाता जा रहा है, भले ही वो जनसंख्या ही क्यों न हो। लेकिन सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश को अब इस रिकॉर्ड की चिंता करनी होगी, क्योंकि यहां के युवा अब शादी करने से इंकार लगे हैं। जी हां, चीन में लगातार तलाक के मामले बढ़ रहे हैं और इसी डर से अब यहां के युवा शादी करने से ही मना करे दे रहे हैं। यानी पूरी दुनिया से लोहा लेने वाला चीन अपने ही दिल से हारा जा रहा है।
भई भारतीय तो पक्की मिट्टी से बने हैं यहां कुछ भी हो जाए, विधाता ने तो लिख कर ही दिया है कि हमें तो शादी करनी ही है। एक टूट गई, कोई नहीं दूसरी कर लेंगे लेकिन करेंगे जरूर। इस मामले में चीन को हमारे जैसा जिगरा चाहिए। अपने लड़के भी कम नहीं है, कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद लड़कों के मन में कश्मीरी लड़कियों से ब्याह रचाने के ख्वाब पाले पड़े हैं और ये चीनी शादी से ही भागे पड़े हैं।
पेकिंग यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के सर्वे में बताया गया है कि चीन में 1980 के दशक में पैदा हुए 13 फीसदी लोगों ने शादी के 15 साल बाद एक-दूसरे से तलाक ले लिया और अलग रहने लगे। युवाओं में तलाक की यह तादाद अपने से पिछली पीढ़ी के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है। वहीं, 70 फीसदी से ज्यादा युवा इसलिए शादी नहीं कर रहे क्योंकि उन्हें पसंद का पार्टनर नहीं मिल रहा है। 16 फीसदी से ज्यादा युवाओं का साफ कहना है कि वे शादी नहीं करना चाहते हैं।
चीन दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। जनसंख्या 138 करोड़ से अधिक है। लेकिन यहां की युवा आबादी भारत के युवा आबादी से कम है। चीन को अपनी युवा आबादी के 'एकल समाज' की तरफ बढ़ते सोच की वजह से चिंता होने लगी है। कम्युनिस्ट यूथ लीग सेंट्रल सेकेट्री विभाग के सर्वे का कहना है कि चीन की 14 फीसदी आबादी ही शादी करना चाहती है। यह सर्वे तीन हजार लोगों पर किया गया जिसमें से 70 फीसदी लोगों ने कहा कि जब तक उन्हें सही व्यक्ति नहीं मिलता तब तक वे शादी नहीं करना चाहते। 16 फीसदी लोगों ने तो शादी से साफ इंकार कर दिया।
आंकड़े बताते हैं कि चीन में शादी की दर में 2018 में 7.2 फीसदी गिरावट आई है। जबकि साल 2013 में यह 9.9 फीसदी थी। साल 2013 में चीन में 1.30 करोड़ लोगों ने ही शादी का पंजीकरण करवाया था जबकि पिछले साल यह आंकड़ा और गिर गया और सिर्फ एक करोड़ लोगों ने ही मैरीज रजिस्टर करवाई। शंघई के फूडान यूनिवर्सिटी के सोशल विकास और पब्लिक पॉलिसी विभाग की शोधकर्ता वांग जूफेन का कहना है कि चीन में विवाह दर के घटने की वजह दर्शाती है कि महिलाएं अच्छी शिक्षा हासिल कर रही हैं जिसकी वजह से वे आर्थिक तौर पर स्वतंत्र रहना चाहती हैं। दरअसल औरतें नहीं चाहती कि वे पुरुषों की कमाई पर निर्भर रहें। ये ही वजह है कि स्कूल और कॉलेजों में महिला कैंडिडेट की संख्या बढ़ रही है।
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