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CM Yogi Deepfake: डीपफेक का शिकार हुए सीएम योगी, करवा दिया दवा का प्रचार, पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

फिरकी टीम, नई दिल्ली Published by: धर्मेंद्र सिंह Updated Mon, 11 Mar 2024 04:15 PM IST
सार

डीपफेक वीडियो मामले में लखनऊ के साइबर थाने में 2 एफआईआर दर्ज की गई है। इस वीडियो में सीएम योगी के चेहरे का इस्तेमाल किया गया है और दवा खरीदने की अपील की जा रही है। 

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डीपफेक का शिकार हुए सीएम योगी
डीपफेक का शिकार हुए सीएम योगी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार

CM Yogi Deepfake: भारत में कई सेलेब्रिटीज की फर्जी फोटोज-वीडियोज वायरल हो चुका है। रश्मिका मंदाना, सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर, विराट कोहली के डीपफेक के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का डीपफेक वीडियो वायरल हो रहा है। इस डीपफेक वीडियो मामले में लखनऊ के साइबर थाने में 2 एफआईआर दर्ज की गई है। इस वीडियो में सीएम योगी के चेहरे का इस्तेमाल किया गया है और दवा खरीदने की अपील की जा रही है। 

इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने फेसबुक हेडक्वार्टर से जानकारी मांगी है। दरअसल, साइबर अपराधियों ने ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से सीएम योगी का डीपफेक वीडियो बनाकर डायबिटीज की दवा का प्रचार करवाया गया है। इसके अलावा एक दूसरे वीडियो में भी सीएम योगी से एक दूसरी दवा खरीदने की अपील करवाई गई है। 

इन मामलों की दो टीमें जांच कर रही हैं। फेसबुक से दोनों अकाउंट के बारे में जानकारी मांगी गई है। इस वीडियो में एआई के माध्यम से ऑडियो डाला गया है। इसमें कहा जा रहा है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने दवा तैयार की है। इस वेबसाइट से जो भी शख्स दवा खरीदेगा उसको भगवान का सम्मान मिलेगा। लोगों को झांसा देने के लिए सीएम योगी के चेहरे का इस्तेमाल किया गया है। 

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गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बड़ी हस्तियों के डीपफेक वीडियो और फोटो वायरल हो चुके हैं। भारत में सबसे पहले श्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो सामने आया था, जिसके बाद बवाल मच गया था। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई कर आरोपी गिरफ्तार किया था। इसके बाद, सारा तेंदुलकर और शुभमन गिल का भी एक डीपफेक वीडियो सामने आया था। 

क्या होता है डीपफेक?

डीपफेक वीडियो और फोटो दोनों रूप में हो सकता है। इसे बनाने के लिए एक स्पेशल मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया जाता है जिसे डीप लर्निंग कहा जाता है। डीप लर्निंग में कंप्यूटर को दो वीडियोज या फोटो दिए जाते हैं। इन्हें देखकर वह खुद ही दोनों वीडियो या फोटो को एक ही जैसा बनाता है।

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यह ठीक उसी तरह है जैसे बच्चा किसी चीज की नकल करता है। इस तरह के फोटो वीडियोज में हिडेन लेयर्स होते हैं जिन्हें सिर्फ एडिटिंग सॉफ्टवेयर से ही देखा जाता है। यह डीपफेक, रियल इमेज-वीडियोज को बेहतर रियल फेक फोटो-वीडियोज में बदलने की एक प्रक्रिया है। डीपफेक फोटो-वीडियोज फेक होने के बाद भी रियल नजर आते हैं।

आसान भाषा में कहें तो डीपफेक एक एडिटेड वीडियो होता है जिसमें किसी अन्य के चेहरे को किसी अन्य के चेहरे से बदल दिया जाता है। डीपफेक वीडियोज इतने सटीक होते हैं कि आप इन्हें आसानी से पहचान नहीं सकते। डीपफेक वीडियो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग की भी मदद ली जाती है। 

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