'द पिग' नाम का बड़ा होटल चेन चलाने वाले रॉबिन ह्यूटसन अगर स्कूल की परीक्षा में नाकाम नहीं हुए होते तो अपनी जिंदगी में वे शायद इतने कामयाब नहीं हो पाते। बीते दिनों को याद करते हुए 62 वर्षीय रॉबिन ह्यूटसन बताते हैं, "परीक्षा में मुझसे गड़बड़ी हो गई और मुझे आगे की क्लास में जाने का मौका नहीं मिला। मुझे कोई और रास्ता चुनना था। सोलह साल की उम्र में लड़कियों के पीछे भागने के अलावा मेरी दिलचस्पी दूसरी चीजों में कम ही थी और मेरी मम्मी कहा करती थीं कि किचन में इधर की चीजें उधर करने में मेरा मन ज्यादा लगता है।"
शायद यही वजह थी कि रॉबिन ह्यूटसन की मां ने उन्हें होटल और कैटरिंग सेक्टर में कोर्स करने की सलाह दी। यहीं से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में रॉबिन की राह खुली। साल 1994 में रॉबिन ने 'होटल डु विन' की शुरुआत के साथ अपने करियर का पहला नींव का पत्थर रखा। दस साल बाद रॉबिन और उनके पार्टनर ने ये होटल बिजनेस 66 मिलियन पाउंड में कंपनी बेच दी। भारतीय मुद्रा में ये रकम 594 करोड़ रुपये के करीब है। साल 2011 में रॉबिन ने 'द पिग' के नाम से एक और होटल चेन की शुरुआत की। दक्षिणी इंग्लैंड में इस समय रॉबिन के होटल छह जगहों पर हैं। उनकी कंपनी होम ग्रोन होटल्स की सालाना कमाई 20 मिलियन पाउंड यानी करीब 180 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। रॉबिन ह्यूटसन के करियर को ब्रिटेन के 'सबसे प्रभावशाली होटल' कारोबारी के तौर पर देखा जाता है।
दक्षिणी लंदन के कैटरिंग कॉलेज से ग्रैजुएशन के बाद सत्तर के दशक में वे सैवोय ग्रुप ऑफ होटल्स के मैनेजमेंट ट्रेनिंग प्रोग्रम से जुड़ गए। रॉबिन की मेहनत और संघर्ष का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होंने लंदन के फाइव स्टार होटल क्लैरिज में वेटर के तौर पर शुरुआत की थी।
23 साल की उम्र में रॉबिन जब लंदन वापस लौटे तो वे 'बर्कले' होटल के सबसे नौजवान रिसेप्शन मैनेजर थे। सफर का अगला ठिकाना बरमुडा था जहां उन्होंने दो साल गुजारे। ब्रिटेन वापस लौटने पर हैंपशर के एक होटल में उन्हें जनरल मैनेजर की जिम्मेदारी मिली। तब उनकी उम्र महज 28 साल थी। हैंपशर के इस होटल में आठ साल टिकने के बाद रॉबिन ने ये तय किया कि अब कुछ अपना करने का वक्त आ गया है। रॉबिन और गेरार्ड ने पांच लाख पाउंड दोस्तों से जुटाए और बैंक से साढ़े सात लाख पाउंड कर्ज लिया।
उनके अनुसार, "गेरार्ड और वो सोफे पर ही सो जाया करते थे। वो हर काम कर रहे थे। खाना बनाने से लेकर वेटर तक का काम लेकिन पहले ही साल हम मुनाफे में थे।" होटल डु विन के चेन में छह होटल थे लेकिन दस साल पूरे हो जाने के बाद रॉबिन और गेरार्ड ने ये बिजनेस एक निवेश समूह को बेच दिया।
साल 2008 में रॉबिन ने हैंपशर में एक नए फाइव स्टार होटल की शुरुआत की जिसका नाम उन्होंने 'लाइम वुड' रखा। 2011 में 'द पिग' चेन का पहला होटल खोला गया।रॉबिन की इस पहल में उन्हें ज्यूडी का भी साथ मिला। ज्यूडी होटल का इंटीरियर देख रही थीं। रॉबिन ने 'द पिग' नाम भी कुछ सोचकर ही रखा था। उन्हें न्यूयॉर्क का मशहूर रेस्तरां 'द स्पॉटेड पिग' बहुत पसंद था और इसी से प्रेरित होकर उन्होंने अपने चेन का नाम रखा। होटल इंडस्ट्री की मैगजीन 'बूटिक होटलियर' के संपादक जोए मॉन्क बताती हैं, "रॉबिन की कामयाबी का राज इस बात में छुपा है कि वे बाजार का मिजाज समझते हैं।"