पर्यावरण को बचाने के लिए इस शख्स ने बनाई अनोखी मशीन, प्लास्टिक को बदल देगी पेट्रोल में
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Published by:
Pankhuri Singh
Updated Mon, 18 Mar 2019 05:59 PM IST
प्लास्टिक पृथ्वी और पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है। विज्ञान में सभी ने पढ़ा है और जानते है। इसके बावजूद सभी प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी लगन से करते हैं। बीते कुछ सालों के मुकाबले इस वक्त प्लास्टिक का इस्तेमाल और ज्यादा बढ़ गया है। हाल ही में बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के समुंद्रों में इतना प्लास्टिक इकठ्ठा हो चुका है कि उससे कम से कम पूरी पृथ्वी को 400 बार लपेटा जा सकता है। ऐसे में एक व्यक्ति ने एक मशीन का अविष्कार किया है जो शायद पर्यावरण का कायापलट कर सकती है।
दरअसल, फ्रांस के इन्वेंटर क्रिस्टोफर कॉस्ट्स ने एक मशीन का अविष्कार किया है जो प्लास्टिक के कचरे को ईंधन में बदल देती है। इस मशीन का नाम 'क्रिसेलेस' है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस मशीन के जरिए वह दुनियाभर में जमा हो रहे कचरे के ढेर के भार को हल्का करना चाहते हैं।
ये मशीन प्लास्टिक के अणुओं को तोड़कर उन्हें हल्के हाइड्रोकार्बन में बदल देती है। इसके बाद डिस्टिलेशन यानी आसवन की प्रक्रिया से यह डीजल और पेट्रोल के रूप में अलग अलग हो जाते हैं।
‘क्रिसेलस’ बनाने के लिए क्रिस्टोफर ने पर्यावरण से जुड़े संगठन 'अर्थ वेक' के साथ काम किया है। ये मशीन इस तरह की और मशीन बना रहे हैं। जिसकी कीमत करीब 4.5 लाख रुपए तक होगी। यह मशीन अभी एक महीने में 10 टन प्लास्टिक को ईंधन में बदल सकती है। ये उन देशों के लिए काफी असरदार साबित होगी जहां ईंधन और प्लास्टिक दोनों की समस्या है।
क्रिस्टोफर 2019 के मध्य तक इस मशीन का एक बड़ा वर्जन बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जो हर घंटे 40 लीटर ईंधन तैयार कर सके। ये मशीन 450 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर प्लास्टिक कचरे के टुकड़े को गलाती है, उसे डिकम्पोज करती है और एक लिक्विड तैयार करती है। यह लिक्विड यानी तरल पदार्थ 65 प्रतिशत डीजल है, जिसे जनरेटर या मोटर बोट में इस्तेमाल किया जा सकता है।