इस देश की सरकार का अजीब फरमान, 4 से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर जनता को मिलेगा ये अनोखा तोहफा
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Published by:
Pankhuri Singh
Updated Mon, 11 Feb 2019 05:21 PM IST
अगर भारत और चीन में ऐसा कानून लागु हो जाए कि जिनके चार से अधिक बच्चे होंगे उनका आयकर माफ होगा। सोचिये, भारत और चीन में आबादी चरम की भी सीमा पार कर चुकी होती। हालांकि, दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां के प्रधानमंत्री ने ये कानून लागू कर दिया है।
यूरोपीय देश हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने देश की महिलाओं से वादा किया है कि जिनके चार या इससे अधिक बच्चे हैं, उन्हें कभी दोबारा आयकर नहीं देना होगा। यह कदम उन्होंने देश की जनसंख्या को बढ़ाने के इरादे से उठाया है।ओरबान को दक्षिणपंथी राजनेता माना जाता है, वह बीते कई सालों से प्रवासियों के विरोध में भी बोलते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हंगेरियन परिवारों का अधिक बच्चे पैदा करना मुस्लिम देशों के प्रवासियों को प्रवेश करने की अनुमति देने से बेहतर है।ओरबान का कहना है, "पूरे यूरोप में कम और कम बच्चे हैं और पश्चिम का उत्तर (जवाब) होता है प्रवास।" ओरबान ने ये बात रविवार को एनुअल स्टेट ऑफ द नेशन को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा, "वे चाहते हैं कि यहां अधिक प्रवासी प्रवेश करें जैसे यहां बच्चे नहीं है ताकि संख्या बढ़ सके। लेकिन हम हंगरी के लोगों की सोच अलग है। हमें नंबर नहीं, हंगेरियन चिल्डर्न चाहिए। हमारे लिए माइग्रेशन सरेंडर जैसा है।" प्रवासियों की विरोधी छवि वाली विक्टर ओरबान फिडेज की पार्टी ने बीते साल लगातार तीसरी चुनावी जीत हासिल की है।
ओरबान उम्मीद करते हैं कि मई में चुनावों के बाद सभी यूरोपीय संस्थान प्रवासी विरोधी ताकतों द्वारा नियंत्रित किए जाएंगे। उन्होंने कई बार ये दावा करते हुए कहा कि हंगरी में जन्में अमेरिकन फाइनेंसर और लोकोपकारक जियोर्ज सोरोस ही बड़ी मात्रा में प्रवास को बढ़ावा देकर यूरोप को नष्ट करने की साजिश के मास्टरमाइंड हैं।
ओरबान ने मिश्रित जनसंख्या वाले देशों की आलोचना की, जहां प्रवासियों को आने की अनुमति होती है। लाखों लोग हाल ही के सालों में हंगरी, पोलैंड, रोमानिया और बुल्गारिया जैसे देशों को छोड़कर गए हैं। यूरोपीय संघ में इन देशों के शामिल होने के बाद अधिक वेतन के लिए लोग पश्चिमी यूरोप गए हैं। इसके अलावा देश में जन्म दर भी कम है, जिसके कारण जनसंख्या कम होती जा रही है।
इस देश में कम जनसंख्या के कारण लेबर की समस्या भी रहती है जिसे खत्म करने का केवल प्रवासी ही एक उपाय है, लेकिन यहां की सरकार हमेशा से ही इस विकल्प को अस्वीकार करती रही है। साल 2015 में प्रवासी समस्या के बाद से ओर्बेन ने दक्षिणी सीमा पर दीवार का निर्माण भी करवाया था, ताकि कोई भी प्रवासी देश में दाखिल न हो सके। सरकार द्वारा नियंत्रित मीडिया अक्सर पश्चिमी यूरोप में नैतिक पतन और आतंकवाद को माइग्रेशन से ही जोड़ती है।