महिलाओं को हमेशा से हर काम चैलेंज के तौर पर करने को मजबूर किया जाता रहा है और यही वजह है कि आज कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां महिला ने अपना लोहा न मनवाया हो। ढोल कुड़ी जहान ने भी हर बहादुर महिला की तरह समाज के इस नजरिए को मिथक साबित कर दिया है। महिलाओं को ढोल बजाते पहले कहीं देखा है क्या? नहीं तो आइए हम आपको मिलाते हैं, दुनिया की दूसरी और भारत की पहली ढोल बजाने वाली कुड़ी से। ये महिला ढोली चंडीगढ़ की रहने वाली जहान गीत सिंह हैं। सोशल मीडिया पर जहान के कई वीडियो वायरल हुए हैं। एक बार उन्हें ढोल बजाते देख लें तो खुद को थिरकने से रोक नहीं पाएंगे।
जहानगीत दुनिया की दूसरी और भारत की पहली ढोल बजाने वाली महिला हैं। जहानगीत देशभर में ढोल बजाकर मशहूर हो चुकी हैं। पहली फीमेल ढोली रानी ताज पाकिस्तान की रहने वाली हैं। जहान गर्मी की छुट्टियों में कुछ अलग करना चाहती थी। डिस्कशन शुरू हुआ तो पता चला कि उनके एक कजन ने अपने ही स्कूल में ढोल बजाया और सभी ने प्रोत्साहित भी किया। वहीं से उन्हे प्रेरणा मिली।
जहानगीत फीमेल ड्रम प्लेयर्स पर बेस्ड यूएस की मैग्जीन, alt147टॉम'-टॉम' में पब्लिश होने वाली पहली भारतीय हैं। जहानगीत अब तक 100 से भी अधिक परफॉर्मेंस दे चुकी हैं। जहानगीत बताती हैं कि शुरू में ढोल उठाना बहुत मुश्किल लगता था लेकिन अब वे इसे चैलेंज के रूप में लेती हैं।
जहान 12 साल की उम्र से ढोल बजा रहीं हैं। उस उम्र में ढोल के वजन को संभालना भी जहान के लिए एक बड़ी चुनौती रही। क्योंकि ढोल को उठाकर उसे सिर्फ 5 मिनट बजाने के लिए भी बहुत ताकत और सहन-शक्ति की जरूरत होती है। इसके लिए उन्होंने अपने खाने-पीने पर खास ध्यान दिया। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी सहनशीलता पर काम किया। आज उनकी मेहनत सबके सामने है।
लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने के उद्देश्य से ही जहान अलग-अलग संगठनों और एनजीओ आदि के साथ काम कर रही हैं। वे ज्यादातर ऐसे इवेंट में परफॉर्म करती हैं, जो किसी नेक काम और किसी बदलाव के लिए रखा गया हो। यहां वे ढोल बजाती हैं और साथ ही, प्रेरणात्मक भाषण भी देती हैं। उनका कहना है कि करियर वकालत की पढ़ाई से बनेगा और ढोल के जरिये वे समाज में एक परिवर्तन लाना चाहती हैं।