इस हाईकोर्ट में जज देते हैं बड़ी अनोखी सजा, जानकर आप भी करेंगे तारीफ
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Published by:
Pankhuri Singh
Updated Mon, 18 Feb 2019 07:12 PM IST
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के जस्टिस आनंद पाठक का न्याय देने का तरीका अनोखा है। उनके द्वारा दी जाने वाली सजा में प्रकृति समृद्ध होती है। आप सोचेंगे कैसे?यहां लगने वाली याचिकाएं और जमानत आवेदन पर निकलने वाले आदेश में सजा के तौर पर एेसे विनम्र कार्य के निर्देश होते हैं जो सिर्फ सुनने में आसान होते हैं।
जस्टिस आनंद पाठक अपराधी को पौधा लगाने और उसके रख-रखाव का आदेश देते हैं, तो किसी को अनाथालय या वृद्धाश्रम में सेवाकार्य का आदेश दिया जाता है। आदेश में कोर्ट का विचार स्पष्ट लिखा होता है-'यह प्रश्न एक पौधा लगाने का नहीं, बल्कि एक विचार को पालने का है।' जस्टिस पाठक की बेंच ने डेढ़ साल में 100 से ज्यादा लोगों को ऐसी सजा दी है, जिसमें अब तक करीब 500 पौधे लगाए जा चुके हैं।
कुछ केसों में तो अपराधीयों को अनाथाश्रम भेजा गया है। यहां वे सेवाकार्य करते हैं और फिर जुर्माने की राशि के बराबर रुपए से फल-दूध बांटते हैं। कई लोग तो एेसी सजा मिलने के बाद आदेश में लिखी सीमा से अधिक कार्य करते हैं और इस पुण्य कार्य से दिल से जुड़ जाते हैं।
ये कोर्ट सजा के तौर पर आदशों में किसी को गार्डन गोद लेने को कह चुकी है और तो कई लोगों ने शहर में डस्टबिन भी लगवाए हैं। साथ ही, कोर्ट इस बात का ध्यान रखता है कि जो व्यक्ति जिस लायक है, उस हिसाब से ही काम दिया जाए।
कोर्ट के आदेशों में कई लोगों को गृह मंत्रालय के मोबाइल एप 'भारत के वीर' के जरिए शहीदों के परिवार को आर्थिक सहायता देने के निर्देश भी दिए गए हैं। 29 जनवरी 2019 के एक आदेश में कोर्ट ने दो व्यापारियों के बीच विवाद के राजीनामे के बाद उन्हें 50-50 हजार रुपए मोबाइल एप के जरिए जमा करने का निर्देश दिया। इस तरह अब तक करीब 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी की जा चुकी है।