अंधविश्वास और अजीबोगरीब प्रथाएं दुनिया भर में फैली हुई है। जीवन में कुछ गलत न हो इसलिए अंधविश्वास में लोग हमेशा गलत ही करते हैं और ये चीजें चर्चा का विषय बन जाती हैं। आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां अंधविश्वास इतना भयंकर है की आजतक वहां कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ। इतना ही नहीं, वहां किसी की कब्र भी नहीं है। साथ ही, इस गांव में एक पक्षी तक नहीं दिखता। जानिए इसका रहस्य।
इस गांव का नाम 'माफी डोव' है और ये घाना में है। यहां के रीति-रिवाज बेहद विचित्र हैं। गांव वालों की मान्यता है कि यदि वहां किसी बच्चे का जन्म हुआ तो भगवान क्रोधित हो जाएंगे और गांव को शापित कर देंगे। गांव में जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो प्रसव से पहले दूसरे गांव भेज दिया जाता है। कई बार ऐसा हुआ है, जब महिला को ऐसी स्थिति में दूसरे गांव ले जाने के दौरान रास्ते में ही बच्चा हो गया हो। बेशक यह खतरनाक है। लेकिन गांव वाले इसे भी ईश्वर की मर्जी मानते हैं।
यहां तीन नियमों का पालन सख्ती से होता है। यहां एक भी पक्षी नहीं दिखता, आसमान में कुछ जंगली पक्षी कभी दिख जाते हैं। गांव वालों को यह अधिकार जरूर है कि वह पकाकर खाने की इच्छा के साथ पड़ोस के गांव से कोई पशु ला सकते हैं, लेकिन उन्हें उस पशु की उसी दिन बलि चढ़ानी होती है।
गांव में पशुपालन मना है। साथ ही, यहां किसी की कब्र नहीं है इसका मतलब लोगों का अंतिम संस्कार भी किसी दूसरी जगह किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस गांव के संस्थापक तोग्बे अकीती एक शिकारी थे। वो जब पहली बार इस जगह आए थे तो आकाशवाणी हुई थी। उन्हें एक आवाज सुनाई दी थी, जिसने कहा कि यह जगह एक पवित्र और शांत स्थल है। अगर यहां रहना है तो तीन नियमों का पालन करना होगा- यहां पशुपालन ना किया जाए, किसी किसी की कब्र ना हो और ना ही किसी बच्चे का जन्म हो। हालांकि, बीते कुछ वर्षों में महिलाओं ने आवाज जरूर उठाई कि उन्हें गांव में ही प्रसव की छूट दी जाए। लेकिन गांव के बुजुर्गों ने मना कर दिया।