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भारत त्यौहारों का देश है और हर राज्य का अपना विशेष त्यौहार है। लोग हर त्यौहार को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं और खुशियां बांटते हैं। अभी हाल ही में मकर संक्रांति का त्यौहार पूरे भारत में मनाया गया है। मकर संक्रांति को देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जहां उत्तर भारत में इसे खिचड़ी तो दक्षिण भारत में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता है। दक्षिण भारत में पोंगल के दिन एक खेल खेला जाता है जिसे जल्लीकट्टू कहा जाता है। मान्यता है कि ये खेल दो हजार साल पुराना है। जल्लीकट्टू शब्द सली और कट्टू को मिलाकर बना है।
सली का अर्थ होता है सिक्के और कट्टू का अर्थ होता है गट्ठर। इस खेल में सांड का भी उपयोग किया जाता है। पुराने समय में सांडों के सींग पर सोने और चांदी के सिक्कों से भरी हुई गठरी को बांध दिया जाता था। इसके बाद बैलों को भीड़ में छोड़ दिया जाता था। भीड़ में मौजूद लोग बैलों को रोककर उनके सींग से बंधे सोने और चांदी के सिक्के निकालने की कोशिश करते थे।
इस खेल से जुड़ा एक ऐसा ही वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है जिसमें लोग इस खेल को खेल रहे हैं। इस खेल को तमिलनाडु के मदुरई में अलनगनालुर इलाके में पोंगल के मौके पर खेला जा रहा है। इस वीडियो को न्यूज एजेंसी ANI ने शेयर किया है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक बाड़े में कई सारे लोगों की भीड़ इकट्ठा है। वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक सांड के ऊपर एक लड़का चढ़ने की कोशिश कर रहा है और फिर लड़का उसपर चढ़ नहीं पाता है। सांड इसके बाद बाड़े से निकल जाता है और लोगों की भीड़ उसे देखने लगती है।
यहां देखें वीडियो-
खेल के लिए सांडों को किया जाता है ट्रेंड
इस खेल के लिए सांडों को खास ट्रेनिंग दी जाती है। ये सांड पालतू होते हैं। लोग इनकी सींग या पूंछ को पकड़कर रोकने की कोशिश करते हैं। कई लोग सांडों की पीठ पर भी बैठ जाते हैं और इन्हें काबू करने की कोशिश करते हैं। ये एक बेहद ही खतरनाक खेल है जिसमें सांडों और इंसानों की जान को हमेशा खतरा बना होता है।