हिंदुस्तान में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपनी भव्यता, मान्यता और अनोखी मान्यताओं के लिये जाने जाते हैं। ऐसे ही अनोखे मंदिरों में एक मंदिर ऐसा भी है, जिसके सारे खंभे हवा में लटके हुए हैं। हम बात कर रहे हैं 16वीं सदी में बने आंध्रप्रदेश के अनंनतपुर जिला स्थित लेपाक्षी मंदिर की। इस मंदिर के 70 खंभों का जमीन से जुड़ाव नहीं है और वो हवा में लटके रहते हैं।
मंदिर पहुंचने वाले भक्तों के लिये ये नजारा अद्भुत होता है। लोगों के लिए अब तक ये बात एक रहस्य बनी हुई है कि सदियों से ये खंभे हवा में कैसे लटके हुए हैं? लेपाक्षी मंदिर के अनोखे खंभे आकाश स्तंभ के नाम से भी जाने जाते हैं, ये खंभे जमीन से करीब आधा इंच ऊपर उठे हुए हैं। इसके साथ ही ऐसा माना जाता है कि खंबे के नीचे से कुछ निकालने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
कहा जाता है कि, लेपाक्षी मंदिर भगवान शिव का क्रूर रूप है, जो कि वीरभद्र दक्ष यज्ञ के बाद अस्तित्व में आया। इस मंदिर में माता सीता के पद चिन्ह भी देखने को मिलते हैं और यहां विराजमान माता को भद्रकाली कहा जाता है।
मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का जिक्र रामायण में भी मिलता है और ये वही जगह है, जहां जटायु रावण से युद्ध करने के बाद जख्मी होकर गिर गये थे।इसके बाद वहां भगवान राम ने उनसे पहुंच कर कहा कि ला पक्षी, मतलब उठो पक्षी।
कुर्मासेलम की पहाडियों पर बना ये मंदिर कछुए की आकार में बना है। कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण विरुपन्ना और विरन्ना नाम के दो भाइयों ने 1583 में कराया था और पौराणिक शास्त्रों की मानें तो मंदिर अगस्त्य ऋषि ने बनवाया था।