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वैसे तो इस दुनिया में अभी तक 1367555 प्रकार के जानवारों(पक्षियों, समुद्री जीव, सर्प) का पता लगाया जा चुका है, लेकिन आपको बता दें ये दुनिया में रहने वाले सभी प्रकार के जानवरों का मात्र 1 प्रतिशत ही है। अब आप अंदाजा लगा कते हैं कि दुनिया में कैसे-कैसे जीव होंगे।
इन्हीं अजीबोगरिब जीवों में से आज हम आपके लिए कुछ खास जीव लाए हैं, जिनके बारे में आपने पहले कभी नहीं सुना होगा। ये देखने में तो अजीब लगते ही हैं साथ ही ये हैं भी बहुत विचीत्र। इनकी कुछ खासियतें हैं जो इन्हें सबसे अलग बनाती है।
इसे देख कर लगता है जैसे ये अभी-अभी ब्यूटी पार्लर से मेक-अप करवा कर आई हो, और इसिलिए इसे रेड लिप्पड नाम दिया गया। देखने में ये बेहद ही खूबसूरत लगती है। ये समुंद्र में बहुत गहराई में पाई जाती है।
इसे देखकर आपका इस पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन ये हकीकत में है। ये करीब 125 सालों से दुनिया में मौजुद हैं। ये अपने तरह की अलग ही शार्क है, जो खूबसूरत तो है ही साथ ही खतरनाक भी।
दिखने में तो ये पांडा आन्ट बहुत खूबसूरत लगती है, लेकिन आपको बता दें ये बेहद खतरनाक है। इसका काटा हुआ बेहद दर्दनाक होता है। इसे ‘काउ किल्लर’ और ‘काउ आंट’ के नाम से भी जाना जाता है।
ये फिश केवल नार्थ अमेरिका के पेसिफिक कोस्ट में पाई जाती है। ये बहुत ही डरावनी फिश है. ये काटने के लिए जब भी अपना बड़ा सा मुहं खोलती है, तो ये बेहद डरावनी लगती है।
इसे क्रोकोडाइल फिश भी कहते हैं। इसका नेचुरल एंटीफ्रिज ब्लड ऐसा है जो इसे अण्टार्कटिका जैसी ठंडी जगह में भी इसे जिंदा रखता है।
दिखने में ये किसी चद्दर जैसा ही लगता है, इसलिए इसे ब्लैंकेट ऑक्टोपस कहा जाता है। इसकी लम्बाई फीट तक हो सकती है। आपको बता दें केवल फिमेल ऑक्टोपस ही होती हैं जिनके पीछे इतना लम्बा ये चद्दरनुमा पार्ट होता है। मेल ऑक्टोपस के इतनें लम्बे पार्ट नहीं होते।
इसे आधा कछुआ और आधा सांप कहा जाता है, और वो इसलिए क्योंकि इसका गर्दन बेहद लम्बी होती है। साधारण कछुए की गर्दन इंसने बेहद छोटी होती है।
वैसे तो मछलिया तैरती हैं, लेकिन ये फिश चलती भी है। दरअसल इसके पैर हैं जो इसे चलने में मदद करती है
इसे लोफोरिना सुपरबा भी कहा जाता है। ये न्यू गुएना के जंगलों में पाया जाता है। ये अपने तरह का एक अलग ही पक्षी है।
इंसानों के जैसे दांत वाली ये फिश बेहद ही खतरनाक दिखती है। साउथ अमेरिका मे पाई जाने वाली इस फि को छोटी पिराह्ना भी कहा जाता है। इसके काटने से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।