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दाल में जीरे, लहसुन-अदरक, प्याज, हरी मिर्च और धनिये का तड़का लगा हो तो उससे ज्यादा स्वादिष्ट कोई डिश हो नहीं सकती है। दाल के साथ एक खासियत यह भी है कि अगर वह ठीक नहीं भी बनी हो तो भी उसका स्वाद इतना तो रहता है कि आप भरपेट भोजन कर सकते हैं। प्लस प्वॉइंट यह भी है कि इसे चावल के साथ खाओ या चपाती के... सबके साथ बराबर मजा देती है। शायद यही बात लोगों को दाल का दीवाना बना देती है। लेकिन दाल के प्रति दीवानगी हम हिंदुस्तानियों में ही नहीं है, अब इसके दायरे में पूरी आ चुकी है। और सबसे बड़ी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को दाल पकाना भी आता है।
नो डाउट, बराक ओबामा एक शानदार शख्सियत के मालिक है। लेकिन वह अब यह बात भी मानेंगे कि दाल बनाने का हुनर भी उनकी शख्सियत को शानदार बनाने में कुछ हिस्सा तो रखता ही है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि रोटी बनाने के नाम पर लाखों मर्दों की तरह ओबामा के भी हाथ-पांव फूल जाते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओबामा नई दिल्ली में आयोजित एचटी समिट में बोल रहे थे। ओबामा ने बताया कि दाल बनाना उन्होंने अपने एक हिंदुस्तानी दोस्त से सीखा था, जब वह पढ़ाई के दिनों में उनका रूममेट हुआ करता था।
ओबामा ने कहा कि मैं पहला अमेरिकी राष्ट्रपति हूं जो दाल बनाना जानता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह कीम भी अच्छा बना लेते हैं और चिकन भी ठीक-ठीक बना लेते हैं। ओबामा ने ये बातें पत्रकार करन थापर के सवालों के जवाब में कहीं।
ओबामा की बातों से इतना साफ है कि दाल हम हिंदुस्तानियों की ही नहीं, दुनिया भर की पसंद है और जो लोग खाना बनाने से बचते हैं उन्हें इस बात से इंस्पिरेशन लेनी चाहिए कि जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति खाना बना सकता है तो वे क्यों नहीं बना सकते।