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आप 18 साल के हो जाएं और बर्थडे पार्टी न हो तो मजा ही खत्म हो जाता है। बर्थडे मनाने का चलन सदियों पुराना है। लोग जन्मदिन को खास बनाने के लिए एक शानदार पार्टी करते हैं, लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है, महंगे केक मंगवाए जाते हैं और फिर केक पर उतनी मोमबत्तियां सजाई जाती हैं जितनी उस शख्स की उम्र होती है।
केक पर सजी मोमबत्तियां बेहद अच्छी लगती हैं। लेकिन हम अगर ये कहें कि ये मोमबत्तियां जन्मदिन में चार चांद लगाने की बजाय आपके लिए गंभीर बीमारियों का दरवाजा खोल सकती हैं तो शायद आपको यकीन न हो। अगर आप भी अपनी शादी की सालगिरह और बर्थडे पार्टी का इंतजार बेसब्री से करते हैं और सेलिब्रेट करने के लिए कई फ्लोर वाले महंगे केक पर दर्जनों मोमबित्तयां सजाते हैं तो फिर इस खबर को जरा ध्यान से पढ़िएगा...
केक पर मोमबत्ती लगाने का रिवाज प्राचीन यूनान में शुरू हुआ। तब लोग केक पर मोमबत्तियां लगा देवी-दोवताओं के मंदिर जाते थे। उनका मानना था कि इसके धुएं से उनकी प्रार्थना ईश्वर तक पहुंचेगी। बाद में ये प्रचलन धीरे-धीरे ट्रेंड बन गया जिसे हर किसी ने जमकर फॉलो किया।
रिसर्च- एक शोध में दावा किया गया है कि जन्मदिन के केक पर जलती मोमबत्तियों को फूंक मारकर बुझाने से इनफेक्शन या संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। यह शोध अमेरिका के साउथ कैरोलाइना के 'क्लेमसन यूनिवर्सिटी' में किया गया है। इसमें शोधकर्ताओं ने दावा किया है की मोमबत्तियों को फूंक मारने को कारण बैक्टीरिया मुंह से निकलकर सीधे केक की आइसिंग तक पहुंच जाते हैं।
शोध में पाया गया की सांस में मौजूद 'ऐरोसॉल' (हवा) के कारण बैक्टीरिया केक की सतह पर पहुंच जाते हैं। इस शोध के प्रोफेसर 'पॉल डॉसन' ने कहा “फूंक मारने से संक्रमण का खतरा 15 गुना तक बढ़ सकता है।
इस औपचारिक परंपरा से लोगों में कई तरह के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि जो लोग बीमार होते हैं या किसी को सांस से रिलेटेड कई तरह की बीमारियां होती हैं, अगर मोमबत्ती को फूंक मारने में ऐसे लोग हेल्प करें तो संक्रमण की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है।
तो जन्मदिन और सालगिरह मनाइए लेकिन मोमबत्ती को साइड करके!
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