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अमीरों में कंजूसी एक कॉमन फैक्टर है। पैसे के प्रति इतना मोह हो जाता है कि धन्ना सेठ लोगों का दिल, दान के नाम पर जोर-जोर से धड़कने लगता है। अमीरों में दिलदार लोगों को ढूंढना उतना ही मुश्किल है जितना समुद्र में मोती को तलाशना। लेकिन हमने ऐसा कारनामा कर दिखाया है। एक ऐसे अमीर शख्स की जानकारी खोज निकाली है जिसके बारे में सुनकर आपको विश्वास नहीं होगा। पैसा कमाने के बाद इन जनाब ने तय किया कि अपने गांव के लोगों की जिंदगी बदलनी है। लिहाजा पूरे गांव के लोगों के लिए आलीशान घर बनवा डाले, लेकिन फिर भी इन घरों में कोई रह नहीं रहा है।
चीन की एक ड्रिंक्स कंपनी के मालिक ने अपने गांव के लोगों के लिए कुछ करने का सोचा तो सरकार ने भी सहयोग किया। उन्हें जमीन उपलब्ध करवाई गई। टिआंडी नंबर वन कंपनी के मालिक ने 32 मिलियन डॉलर की एक योजना तैयार की और गांव के लोगों के लिए 258 तीन मंजिला, आलीशान मकान दिलवा दिए। लेकिन गांव आज भी विरान पड़ा है। गांव के लोग उसमें रहते हैं। जबकि चीनी व्यापारी यह मकान उन्हें उपहार में देने का फैसला किया था।
दरअसल गांव में 190 लोग रहते हैं। लेकिन चीनी व्यापारी ने गांव में 68 मकान ज्यादा बनवा दिए। कल तक जिनके पास रहने के लिए घर नहीं थे। आज वो उन 68 मकानों के लिए लड़ रहे हैं। सबको एक-एक मकान मिल चुका है लेकिन 68 मकानों के लिए गांव के लोग आपस में लड़ रहे हैं। किसी को अपने बच्चों के लिए अलग मकान चाहिए तो कोई भविष्य में अपनी आने वाली बहू के लिए मकान की मांग कर रहा है। अब स्थिति यह है कि गांव विरान पड़ा है।
एक बार लोगों को समझाने के लिए व्यापारी खुद गांव पहुंचे लेकिन गांव वाले उन्हीं के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, दुखी होकर उन्होंने फैसला किया कि अब वह गांव कभी लौटकर नहीं आएंगे। अब बड़े-बड़े आलीशान मकान अकले खड़े हैं। कभी कभी गांव के कुछ लोग जरूर जाते हैं, लेकिन सिर्फ घरों की खिड़कियां तोड़ने।