ओह! तो इसलिए इस फाउंटेन में टूरिस्ट डालते हैं 9 करोड़ रुपए!
Rahul Ashiwal
Updated Mon, 26 Dec 2016 03:11 PM IST
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विस्तार
वैसे तो हमारे भारत में ही कई ऐसे कुएं मिल जाएंगे जिनमें लोग मनोकामना-पूर्ति के लिए रुपए, पैसे और सोना-चांदी डालते हैं लेकिन इनमें अगर आप झांक कर देखेंगे तो ज्यादा पैसे नहीं मिलेंगे, यही कुछ सिक्के मिल जाएंगे। आज हम आपको रोम (इटली) के ट्रेवी फाउंटेन (Trevi Fountain) के बारे में बता रहें हैं जिसमें लोग वापस रोम घूमने कि अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए सिक्के डालते हैं और इनका कलेक्शन इतना होता है कि सुन कर आपका सिर चकरा जाएगा।
ट्रेवी फाउंटेन में आप केवल सिक्के ही डाल सकते हैं नोट नहीं ताकि वो पानी से खराब न हो सके.. ये भी कोई बोलने की बात है, अब कोई पागल ही होगा जो पानी में नोट डालेगा! इसमें एक दिन में करीब 3000 यूरो के सिक्के डाले जाते हैं यानी कि 2,50,000 रुपए हर दिन या 9 करोड़ सालाना...सिर तो नहीं चकराया न, रूको भाई अभी स्टोरी और है। दिन में एक बार फाउंटेन को बंद करके सारे सिक्के निकाले जाते हैं। ट्रेवी फाउंटेन में डाले गए सिक्के निकालकर स्थानीय गरीबों और बेघर लोगों कि भोजन व्यवस्था में लगाए जाते हैं....ये हुई न बात।
चलो हम भी चलते हैं सिक्के डालने... हमारा मतलब है कि आइए बताते हैं इस फाउंटेन के बारे में। ट्रेवी फाउंटेन रोम के ट्रेवी शहर में है। यह 85 फीट ऊंचा और 161 फीट चौड़ा है। यह दुनिया के सबसे खूबसूरत फाउंटेन में से एक है। इटेलियन आर्किटेक्ट निकोला साल्वी (Nikola Salvi) द्वारा इसे डिज़ाइन किया गया था तथा पिएत्रो ब्रैकी (Pietro Bracci) द्वारा बनाया गया था इसका निर्माण 1732 में शुरू होकर 1762 में समाप्त हुआ था।
रोम आने वाला हर टूरिस्ट ट्रेवी फाउंटेन में आकर सिक्का डालता है और इसके पीछे इन सबका मानना है कि ऐसा करने से उन्हें रोम घूमने का दुबारा मौका मिलता है... यहां एक बार जाना नहीं हो रहा और लोग दोबारा जाने की मनोकामना कर रहें हैं, हद है यार। ट्रेवी फाउंटेन में सिक्का डालने का भी एक तरीका है, ऐसा नहीं होता कि बस सिक्का फेंका और निकल लिए...इसमें भी एक आर्ट है, एक कला है।
दरअसल इसके लिए आपको फाउंटेन कि तरफ पीठ करके खड़ा होना पड़ता है फिर सीधे हाथ मने की राइट हैंड में सिक्का लेकर उसे उलटे कंधे (Left Shoulder) के ऊपर ले जा के फेंकना पड़ता है.. एक बार फिर पढ़ो, समझ आ जाएगा।
वैसे तो यह परम्परा बहुत पुरानी है पर 1954 में आई एक हॉलीवुड मूवी ‘Three Coins In The Fountain’ जो कि इसी थीम पर आधारित थी, के बाद यह बहुत पॉपुलर हो गयी और इस फाउंटेन का बजट भी बढ़ गया।
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