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चिता की लपटों की आंच की तपिश लोगों को अंतिम सत्य का अहसास करा रही थी। शोक ग्रस्त लोगों के चेहरों पर संसार से मोह भंग के भाव पनप रहे थे। तभी नागराज ने श्मशान में एंट्री मार दी। जैसे ही नागराज ने अपने चिर परिचित अंदाज में फन फुलाया, लोगों का मोह भंग काफूर हो गया। नागराज की डरावनी भाव-भंगिमा देख उनके के बदन पर खौफ का सांप रेंग गया।
सांप बाबा अब फुल एटीट्यूड में आ चुके थे। कभी उधल कर तो कभी सरपट रेंग कर तांडव करने लगे। यह देख लोग सोचने को मजबूर हो गए कि श्मशान में आए तो थे किसी और का क्रियाकर्म करने, लेकिन लगता है कि अब नागराज उनका ही करा देंगे। फिर क्या था नागराज ने लोगों को खदेड़ लिया और अंतिम संस्कार करने आए परिजन भाग खड़े हुए।
लोग श्मशान के विश्राम गृह में दुबके तो वहां भी सांप बाबा फन फुलाए पहुंच गए। लोग वहां से भी भागे। कुछ देर की धमा चौकड़ी के बाद श्मशान खाली हो गया।
आखिर में कुछ लोगों ने हिम्मत करके सूझबूझ के साथ नागराज पर काबू पा लिया और उन्हें बोतल में बंद कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला देहरादून के लक्खीबाग शमशान घाट का है। घाट के पुजारी पंडित अनिल शर्मा के मुताबिक एक अंतिम संस्कार के दौरान शमशान घाट के कमरे में सांप घुस गया। सांप को देखते ही वहां अफरा तफरी मच गई।
सांप उछल-उछल कर इधर उधर किसी की भी भाग रहा था। सांप को देखते ही लोगों में दहशत फैल गई। बड़ी मशक्कत के बाद सांप को बोतल में बंद करके 108 नंबर पर फोन किया गया। रेस्क्यू टीम ने सांप को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया।
रेस्क्यू टीम के मुताबिक पकड़ा गया सांप सबसे जहरीले किस्म का था।