इंडिया में 5000 और 10000 रुपए के भी नोट छपे हैं वो भी आज़ादी के बाद
Shivendu Shekhar/firkee.in
Updated Wed, 09 Nov 2016 01:05 PM IST
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- फोटो : business times
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लोगों ने कहा क्रांति देवी प्रकट हो गईं! कल रात के प्रधानमंत्री मोदी की देश के नाम संदेश के बाद। हर जगह सिर्फ एक ही चर्चा थी। पूरा देश एक ही बात कर रहा था। वो बात थी 500 और 1000 रूपए के नोट को हटाने को लेकर। आम तौर पर सभी लोग इस फैसले से खुश ही थे। आम तौर पर से मेरा मतलब आम आदमी से। और इस आम आदमी को थोड़ा और खोल दें तो ईमानदारी से जीने वाले लोग। वो बहुत खुश हैं। कि चालो जो भी हुआ दो-एक दिन की परेशानी फिर सब ठीक हो जाएगा।
लेकिन हमेशा की तरह इस खबर के बाद लोगों के जिस तरह के रिएक्शन आए वो इस खबर से बड़ी हो गई। लोग सोशल मीडिया पर पागल हो गये थे। मैं भी उनमें से एक था। मैं भी सोशल मीडिया पर फालतू के बकवास कर रहा था। ये जो फैसला लिया गया है वो जरूर ही एक अच्छा कदम है। लेकिन आज से पहले भी सरकारें देशहित में ऐसे फैसले लेती रही है।
जैसे इंडिया में 5000 और 10000 रूपए के नोट भी हुआ करते थे। 1938 में RBI ने 10,000 रूपए के नोट भी छापे थे। 1954 में भी भी 10,000 रूपए के नोट RBI ने छापे। 1946 में पहली बार 1000 रूपए के नोट और इससे बड़े नोटों को सर्कुलेशन से हटाया गया था। फिर 1954 में 1000, 5000 और 10, 000 रूपए के नोट वापिस सर्कुलेशन में लाए गए। 1978 में इन्हें फिर से हटा लिया गया।
फिर कई सालों तक ये नोट गायब ही रहे। ये वो दौर था जब देश की इकोनॉमी बहुत ठीक नहीं थी। हर तरह के फैसले लिए जा रहे थे जो देशहित में हो। फिर साल आया 2000। दुनिया नई शताब्दी देख चुकी थी। इकोनॉमी के बारे में लोगों की सोच बदल रही थी। ग्लोबलाईजेशन के इफ़ेक्ट देखे जा चुके थे। इस टाइम एक बार फिर से 1000 के नोटों की वापसी हुई। महीना था नवंबर का। साल था 2000।
इससे पहले ही 1987 में इन्हीं सर्दियों में 500 का नोट भी लाया गया था। और अब ये ऐसा पहली बार हो रहा है कि 2000 रूपए के नोट छापे जा रहे हैं। और उन्हें मार्केट में लाया जाएगा। RBI ने मंगलवार को अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बताया भी कि 2000 रूपए के नोटों का अच्छा ख़ासा स्टॉक तैयार कर लिया गया है। जो कि 10 नवंबर से सर्कुलेशन में आ जाएंगे।
अब इंतज़ार है इस चीज़ का है कि जो इकॉनोमिक एक्सपर्ट हैं वो इसको किस तरह से देखते हैं। काला धन के साथ क्या होगा। वो सब ठीक है। सवाल है क्या 2000 रूपए के नोट आ जाने से देश की इकोनॉमी को फायदा है या घाटा। आम आदमी जो आज इस फैसले से पगलाया हुआ है। उसे लॉन्ग रन में कितना फायदा मिलेगा या घाटा।
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