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भारतीय रेलवे इस देश की जान है। इसके बगैर जीवन की कल्पना कर पाना अब संभव नहीं लगता है। एक जगह से दूसरी जगह जाने का ये एक ऐसा ज़रिया है जिसपर ये पूरा देश निर्भर है। इस बात का अंदाज़ा आपको टिकेट काउंटर पर ही लग जाएगा। हर दिन लाखों पैसेंजर इसमें सफ़र करते हैं। रेलवे भी हमें हर तरह की सुविधा देने की हर संभव कोशिश करता है।
लेकिन कुछ लोग हैं जो इसकी छवि धूमिल करने में लगे हुए हैं। हाल ही में एक ऐसा वाकया सामने आया है जिसको सुनने के बाद आपको ऐसा लगेगा कि आप सालों से बेवकूफ़ बनते आ रहे हैं। हमारे साथ ये धोखा और कोई नहीं बल्कि रेलवे की पैंट्री कार वाले ही कर रहे हैं।
एक सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अफ़सर ने हाल ही में अपनी फेसबुक वॉल पर हैरान कर देने वाला वाकया लिखा है। इसे पढ़ने के बाद हैरानी अपनी बेवकूफ़ी पर ही होती है कि कैसे हम इतनी आसानी से लोगों की चालाकी के शिकार हो जाते हैं। शिवेंद्र के. सिन्हा कुछ दिनों पहले यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस में विशाखापट्टनम से हावड़ा जा रहे थे। उन्होंने रास्ते में एक वेज मील का ऑर्डर दिया।
खाने का दाम 90 रुपए था जो कि सिन्हा को काफ़ी अधिक लगा। उन्हें लगा कि इस बारे में पता लगाना चाहिए, इसलिए उन्होंने तुरंत ही रेलवे की वेबसाइट पर खाने के दाम पता किए। वो हैरान रह गए जब उन्हें पता चला कि जिस थाली के लिए उनसे 90 रुपए मांगे जा रहे हैं असल में उसकी कीमत मात्र 50 रुपए होनी चाहिए।
पैंट्री कार वाले यात्रियों से पूरे 40 रुपए अधिक वसूल रहे थे। इसपर सिन्हा ने खाना परोस रहे कर्मचारी से रेट लिस्ट मांगी। जिसपर पहले तो उसे हैरानी हुई लेकिन बाद में उसने बहाना बना दिया कि अभी रेट लिस्ट नहीं है। जब सिन्हा ने उस व्यक्ति को 50 रुपए दिए तो उसने लेने से साफ़ मना कर दिया।
इसके बाद जब सिन्हा ने उस कर्मचारी को वेबसाइट दिखाई तो उसने 50 रुपए लेते हुए उनसे चुप रहने को कहा। इस बात पर उन्हें इतना गुस्सा आया कि वो 13 बोगियां पार करके पैंट्री कार तक गए और रास्ते में सभी को इस बारे में बताते गए। जब वो पैंट्री कार इंचार्ज से मिले तो उसने भी रेट लिस्ट न होने का बहाना बना दिया।